
नई दिल्ली। देश की राजधानी में दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे खतरनाक प्रदूषण से सभी बेहाल हैं। स्कूल और कॉलेजों में ताले जड़ दिए गये हैं। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। ऐसे में राजधानी की चहल पहल मानो थम सी गई है।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते पॉल्यूशन को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली सरकार, म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशंस और पड़ोसी राज्यों को फटकार लगाते हुए कहा है कि यह स्मॉग जीने का हक छीन रहा है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि हेलिकॉप्टर से क्लाउड सीडिंग करके आर्टिफीशियल बारिश क्यों नहीं करवाते? अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो लोग हॉस्पिटल में ही नजर आएंगे।
बता दें इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने अपने अगले आदेश तक यहां सभी तरह की इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज पर रोक लगा दी है। ट्रिब्यूनल के इस कड़े रवैये की वजह पॉल्यूशन का लेवल लगातार सीवियर कैटेगरी में बने होने क कारण है।
ख़बरों के मुताबिक, ‘सुबह पंजाबी बाग में एयर क्वालिटी इंडेक्स 799 रिकॉर्ड किया गया और लोधी रोड पर पीएम-10 और पीएम 2।5 दोनों ही 500 रिकॉर्ड किए गए हैं। यह सीवियर कैटेगरी है।
हाई कोर्ट ने भी जारी किया फरमान
दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी और उसके आसपास बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर इमरजेंसी मीटिंग बुलाने के सख्त निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने सेंट्रल फॉरेस्ट एंड एनवॉर्नमेंट मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी को दिल्ली और एनसीआर के सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरीज के साथ 3 दिन में इमरजेंसी मीटिंग करने को कहा है। जिसमें क्लाउड सीडिंग (आर्टीफीशियल बारिश) पॉल्यूशन कंट्रोल करने के उपाय तलाशने को कहा है।
पाटीदार इलाकों में भाजपाइयों पर लगा ‘धारा 144’, वोट मांगने पर बरसाए अंडे
साथ ही दिल्ली सरकार से गाड़ियों के लिए ऑड ईवन फॉर्मूला लागू करने पर विचार करने पर भी निर्देश दिए है। सरकार से फौरन सड़कों की धुलाई करने को भी कहा गया है, ताकि धूल से होने वाले पॉल्यूशन को कम किया जा सके।
ऑड-ईवन पर फैसला आज या कल
केजरीवाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने पॉल्यूशन पर चर्चा के लिए पंजाब और हरियाणा के सीएम से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन अभी तक उनका जवाब नहीं आया।
केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में ऑड-ईवन सिस्टम पर फैसला आज या कल हो सकता है। उन्होंने कहा कि पॉल्यूशन के मसले पर राजनीति दूर रखकर हम सभी को सोचना चाहिए। ये हमारे बच्चों के फ्यूचर का सवाल है।
क्या कहा NGT ने?
एनजीटी के मुताबिक प्रदूषण मामले में सारी कॉन्स्टिट्यूशनल अथॉरिटीज और उनसे जुड़ी बॉडीज बुरी तरह फेल रहीं। यह जिम्मेदारी सभी की बनती है। ये सभी पार्टियों के लिए शर्मनाक है कि आप आने वाली पीढ़ी को क्या दे रहे हैं। यहां तक की खुले में हो रहा।
एनजीटी ने दिल्ली से सटे दूसरे राज्यों जैसे- पंजाब, हरियाणा को भी फटकार लगाते हुए उनसे पूछा है कि ऐसे बदतर हालात में वो कितने सुरक्षित हैं।
कॉन्स्टीट्यूशन का आर्टिकल 21 और 48 के तहत सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह लोगों को साफ और सही एनवॉयर्नमेंट मुहैया कराए।
सीपीसीबी (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली-एनसीआर में हवा खतरनाक हो गई है।
फारूक अब्दुल्ला का भाजपा को खुला चैलेंज, बोले- जान दे देंगे, पर नहीं हटने देंगे धारा-370
बता दें पीएम 10 का लेवल जहां 100 तक होना चाहिए, वहीँ कल यानी बुधवार को 986 हो गया। वहीं, पीएम 2।5 का लेवल 60 होना चाहिए, हो गया 420 है।
क्या है ऑड-ईवन?
तय दिनों पर एक दिन ऑड और एक दिन ईवन की नंबर की गाड़ियों पर ही सड़कों पर चलाने की इजाजत होगी। इमरजेंसी सर्विसेस या वीवीआईपी गाड़ियों को जरुर इससे छूट दी जाएगी।
बता दें केजरीवाल सरकार ने 2016 के जनवरी और अप्रैल महीने में 15-15 दिन के लिए ऑड-ईवन स्कीम लागू की थी। इससे सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम हुआ था।
ईवन नंबर का मतलब है कि जिन गाड़ियों के आखिरी नंबर में 0, 2, 4, 6, 8 जैसे डिजिट होंगे वो वाहन चलेंगे। और ऑड नंबर में जिन गाड़ियों के आखिरी नंबर में 1, 3, 5, 7, 9 जैसे डिजिट होंगे वही गाडियाँ उस दिन चल सकेंगी।
बता दें भारत में पॉल्यूशन से हर साल 25 लाख लोगों की मौत होती है। राजधानी में करीब 44 लाख बच्चे स्कूल जाते हैं। इनमें आधे बच्चों को दिल की बीमारी का खतरा है।