फारूक अब्दुल्ला का भाजपा को खुला चैलेंज, बोले- जान दे देंगे, पर नहीं हटने देंगे धारा-370

फारूक अब्दुल्ला कानई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला ने पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार को धारा 370 पर खुली चुनौती देते हुए कहा है कि जान दे देंगे, लेकिन धारा 370 नहीं हटने देंगे।

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फारूक अब्दुल्ला के मुताबिक, ‘धारा 370 हटाई तो कश्मीर में हालात बेकाबू हो सकते हैं’।

जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐसा बयान कोई पहली मर्तबा नहीं है, बीच-बीच में ऐसे बातों से अब्दुल्ला अपनी मंशा साफ ज़ाहिर करते रहते हैं। मगर अबकी बार फारूक अब्दुल्ला के निशाने पर सिर्फ केंद्र सरकार ही नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी रहा।

फारूक के बयान के बाद जम्मू कश्मीर में गठबंधन सरकार चला रही भाजपा के लिए मजबूरी हो गई है कि वो 370 पर अपनी स्थिति फिर साफ करे।

नेशनल कॉन्फ्रेंस सुप्रीमो ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सेना हमारी मालिक नहीं है, सेना से डरने की कोई जरुरत नहीं है। शांति इधर भी चाहिए और अमन उधर भी चाहिए।

बता दें धारा 370 पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी पीडीपी का रवैया भी वही है, जो फारूक अब्दुल्ला की पार्टी का है।

वहीँ फारूक के बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस, अलगाववादी और आतंकी भी धारा-370 को लेकर यही स्टैंड रखते हैं।

अलगाववादियों ने दिनेश्वर से मिलने से साफ किया मना

दिनेश्वर शर्मा ने बताया कि वह अलगाववादी नेताओं से मुलाकात करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अभी तक मुझे मेरे दौरे के दौरान अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।

अलगाववादी नेताओं ने हालांकि बयान जारी कर उनसे मुलाकात करने से साफ मना कर दिया है।

दिनेश्वर और उमर हुई मुलाकात

जम्मू एवं कश्मीर के लिए केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त विशेष वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा ने बुधवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की।

जिसपर उमर ने कहा कि यह बैठक निजी थी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘शर्मा से मैंने अपने आवास पर मुलाकात की। हमने राज्य में मौजूदा स्थिति सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाने पर चर्चा की’।

उम्मीद है विचारों पर करेंगे अमल- अब्दुल्ला

नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कहा कि दिनेश्वर शर्मा मुझसे मिलने आए। उन्होंने संदेश भिजवाया था कि वह मुझसे मिलना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि वार्ता अपने अंजाम तक पहुंचे, ताकि लोग सुकून से रह सकें।

अब्दुल्ला के मुताबिक अपने अभियान को सफल बनाने के लिए मुझसे मेरे विचार मांगे है। जो भी मैंने उन्हें कहा वह हमारे और उनके बीच है, लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि जैसा मैंने उन्हें सलाह दी है, वह उसपर अमल करेंगे।

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