‘मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले ने किया शर्मसार, नहीं बख्शे जायेंगें दोषी’

पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों के साथ यौनाचार के मामले में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इस घटना ने शर्मसार किया और पीड़ा पहुंचाई है। उन्होंने हालांकि बिहार के लोगों को यह भी भरोसा दिलाया कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर की चर्चा करते हुए कहा, “समाज में ऐसी मानसिकता के लोग भी होते हैं। इससे आत्मग्लानि होती है।”

नीतीश कुमार

उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है। उन्होंने कहा, “महाधिवक्ता से कहा गया है कि इस मामले की जांच पटना उच्च न्यायालय की निगरानी में हो।”

नीतीश ने लोगों को आश्वस्त किया कि इस मामले में किसी के साथ कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे कड़ी सजा मिलेगी।

इस घटना को एक सबक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना से न केवल सबक सीखना चाहिए, बल्कि व्यवस्था में सुधार का प्रयास भी किया जाना चाहिए।

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मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामला तब प्रकाश में आया, जब बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें आश्रय गृह की बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया। इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिफारिश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस आश्रय गृह दुष्कर्म मामले की जांच अपने हाथों में ले ली।

इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रहा है।

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