कौन है गोल्डन बाबा, जाने इनके पीछे लगी पुलिस की कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था का राज

रिपोर्ट- संजय आर्य

हरिद्वार। देश के सबसे बड़े कावड़ मेले में दिखावे के लिए या फिर अपनी ईच्छा  के लिए शिव भक्त खर्चा तो बहुत करते है लेकिन खुद को सोने से ढक  कर कावड़ लाने वाला शिव भक्त सिर्फ और सिर्फ एक ही है। जिसे दिल्ली से लेकर हरिद्वार तक की जनता गोल्डन बाबा के नाम से जानती है। इस गोल्डन बाबा की ये सिल्वर जुबली कावड़ है। यानि कि 25 वी कावड़ है।

golden baba

इस शिव के भक्त की एक खासियत बात ये है की जब भी ये कावड़ लाते है ,तो हमेशा खुद को सोने से लाद कर अपनी यात्रा पूरी करते है। और हर बार ये गोल्डन बाबा अपनी यात्रा में सोने का वजन बढ़ा देते है।

दरअसल ये गोल्डन बाबा हरिद्वार की हर की पौड़ी से जल भरकर गुरुवार की देर रात अपने 300 आदमियों के क़ाफ़िले के साथ मुज़फ्फरनगर पहुँचे। जहां इन्हे देखने वालो का ताता लग गया ये गोल्डन बाबा हरिद्वार से जल भरकर दिल्ली की अशोक मार्किट जो की कपड़ा मार्किट के नाम से  मशहूर है। वहाँ पर प्रभु शंकर को जल चढ़ाकर अपनी यात्रा पूरी करते है। इसी अपनी 25 वी कावड़ की यात्रा में गोल्डन बाबा मुज़फ्फरनगर अपनी टोली के साथ पहुँचे जहा मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया की वो पिछले 24 सालो से कावड़ ला रहे है और ये उनकी ये सिल्वर जुबली 25 वी कावड़ है ,और हर बार की तरह इस बार भी उन्होंने पहने हुए सोने का वजन बढ़ाया है।

गोल्डन बाबा का कहना है की ये उनके लिए मात्र सोना ही नहीं है बल्कि शिव शंकर का बहुमूल्य आशीर्वाद है और वो पिछले सन 1972 ,73 से सोना पहनते हुए आ रहे है। सबसे पहले उन्होंने शिव का एक सोने का लॉकेट पहना था। जिसके बाद आज उनके पास इतना सोना है और सोना उनका इष्ट देवता है। बाबा की माने तो वह गारमेंट और प्रॉपर्टी का कारोबार करते थे लेकिन सात साल पहले बाबा बनने के बाद उन्होंने वो बिजनेस भी बंद कर दिया और अब जो धन उनके पास है ,उससे वह  हर साल प्रॉपर्टी खरीदते है ,और कावड़ यात्रा से पहले उसे बेचकर जो मुनाफा वो कमाते है ,उससे अपनी कावड़ यात्रा पूरी करते है।

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बाबा का तो ये भी कहना है की विदेशो में भी उनके बहुत से भक्त है लेकिन ये उनसे कुछ लेते नहीं है ,पर बड़ा सवाल ये खड़ा होता है की आखिर बाबा के पास इतना गोल्ड आया कहा से और अगर उन्होंने अपनी  इनकम से ये सोना उन्होंने ख़रीदा भी है तो क्या उन्होंने इसका लेखा जोखा इन्कम टैक्स विभाग को दिया है या नहीं। जबकि बाबा खुद बता रहे है की उनका ना तो  अभी तक कोई ट्रस्ट है और ना ही एकाउंट से उन्होंने कुछ गलत किया है। ये तो रही गोल्डन बाबा की जुबानी बाते लेकिन समझ ये नहीं आता की बाबा जहां से निकलते है। वहाँ की पुलिस उन्हें सुरक्षा मुहैया करने पर क्यों लग जाती है।

 

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