
ओलंपियन वीरेंदर सिंह (Virendra Singh) को कुश्ति में अपने योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। लेकिन पद्मश्री से सम्मानित होने के अगले हि दिन वो हरियाणा भवन के सामने सड़क के किनारे फुटपाथ पर पद्मश्री, अर्जुन अवार्ड और मेडल लेकर बैठ गए। वीरेंदर (Virendra) के भाई रामवीर (Ramveer) के मुताबिक वीरेंदर (Virendra) हरियाणा सरकार से नाखुश हैं और उनहें मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) से कुछ शिकायते हैं और हरियाणा सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है।

पहलवानी में तीन बार डीफ ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीते वीरेंदर (Virendra) मंगलवार (8 नवंबर) को पद्मश्री से सम्मानित हुए और बुधवार (9 नवंबर) को अपने तमाम पुरस्कार व मेडल लेकर वे हरियाणा भवन के सामने सड़क के किनारे फुटपाथ पर बैठ गए। बोलने और सुनने में अक्षम वीरेंदर (Virendra) के हाथ में मौजूद मेडल और सामने रखे द्रोण अवार्ड इस बात की गवाही दे रहे हैं कि कुश्ती में उनके योगदान के चलते ही उनको पद्मश्री से नवाज़ा गया है। उनहें केंद्र सरकार से तो कोई शिकायत नहीं है लेकिन हरियाणा सरकार से शिकायतों की एक लंबी फ़ेहरिस्त है। वीरेंदर (Virendra) के भाई रामवीर (Ramveer) के मुताबिक वीरेंदर (Virendra) को हरियाणा सरकार द्वारा महज़ एक करोड़ और सी ग्रेड की नौकरी मिली है, लेकिन पैरा ओलंपियन और ओलंपिक वालों को और ज़्यादा सुविधा मिलती है।
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