शिया वक्फ बोर्ड के निशाने पर ‘पर्सनल लॉ बोर्ड’, कर डाली आतंकी घोषित करने की मांग

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने राम मंदिर पर सुलह का फॉर्मूला देने वाले मौलाना सलमान नदवी का समर्थन किया है। साथ ही रिजवी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIPLMB) को आतंकवादी संगठन बताते हुए प्रतिबंधित करने की मांग भी की है। मामले में रिजवी ने मुसलमान की मस्जिद को वहां से कहीं दूर किसी गैर विवादित जगह पर बनाने को सही बताया है।

रिजवी की सलमान नदवी का समर्थन करने वाली चिट्ठी :-

शिया वक्फ बोर्ड

 

रिजवी का कहना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड देश का माहौल खराब कर रहा है। जाकिर नाइक, जिसे हिंदुस्तान ने भगौड़ा घोषित किया है, वो आज तक बोर्ड का सदस्य है।

रिजवी ने आरोप लगाया कि हिंदुस्तान के मुसलमानों से संबंधित फैसले पाकिस्तान और सऊदी अरब के आतंकवादी संगठन तय करते हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इन आतंकवादी संगठनों की शाखा है, जो देश का माहौल खराब कर रहा है।

गौरतलब है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद को आपस में सुलझाने की पैरवी करने वाले मौलाना सैयद सलमान हुसैनी नदवी को AIMPLB ने बर्खास्त कर दिया था। हुसैनी नदवी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया था और मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट करने का फॉर्मूला सुझाया था।

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मामले में मौलाना नदवी को मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने शुक्रवार को हैदराबाद में सलाह दी थी कि बोर्ड के विरुद्ध जाकर कोई भी ऐसी बात न करे, जिससे मुसलमानों के बीच मस्जिद को लेकर गलत सन्देश पहुंचे। लेकिन मौलाना नदवी ने बोर्ड की सभी बातों को ख़ारिज करते हुए आपस में बातचीत की सिफारिश की जो मुस्लिम बोर्ड को रास नहीं आई, जिसके चलते उनको बर्खास्त कर दिया गया।

बोर्ड के सदस्य सलमान हुसैन नदवी ने मुस्लिम पक्षों पर रविवार को आरोप लगाया था कि कमाल फारूकी और क़ासिम रसूल इलियास ने उनके साथ बदतमिजी की। उन्होंने कहा था कि बैठक में ऐसा लग रहा था कि जैसे कुछ लोग पहले से ही हंगामे की योजना बना कर आए थे।

साथ ही उन्होंने ने कहा था कि हंबली मसलक के मुताबिक, मस्जिद दूसरी जगह शिफ्ट की जा सकती है। हम मस्जिद में बुत नहीं रख रहे, बल्कि मस्जिद शिफ्ट करने की बात कर रहे हैं। ये देश और मुसलमान दोनों के हित में है। साथ ही उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर देश में बड़े दंगे कराने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया था।

वहीं बोर्ड के सदस्य कासिम इलयास ने मौलाना नदवी को निकाले जाने की जानकारी देते हुए रविवार को पत्रकारों से कहा कि समिति ने ऐलान किया कि AIMPLB अपने पुराने रुख पर कायम रहेगा और मस्जिद को न तो गिफ्ट किया जा सकता है, न बेचा जा सकता है क्योंकि सलमान नदवी इस एकमत रुख के खिलाफ गए, इसलिए उनको बोर्ड से निकल दिया गया है।

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