फिल्म– लखनऊ सेंट्रल
रेटिंग– 3
सर्टिफिकेट– U/A
अवधि– 2 घंटा 27 मिनट
स्टार कास्ट– फरहान अख्तर, दीपक डोबरियाल, गिप्पी ग्रेवाल, इनामुल हक, डायना पेंटी, राजेश शर्मा, रॉनित रॉय, मनोज तिवारी, रवि किशन
डायरेक्टर– रंजीत तिवारी
प्रोड्यूसर– निखिल आडवाणी
म्यूजिक– साजिद-वाजिद
कहानी– फिल्म की कहानी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के किशन गिरहोत्रा (फरहान अख्तर) की है। उसका ख्वाब एक सिंगर बनना है, जिसका खुद का बैंड हो। किशन भेजपुरी फिल्मों के हीरो और गायक मनोज तिवारी का बहुत बड़ा फैन होता है। एक बार वह मनोज के कॉन्सर्ट में जाता है। इस दौरान वहां एक आईएएस ऑफिसर की मर्डर हो जाता है। इस हाई प्रोफाइल मर्डर का आरोप किशन पर लग जाता है। उसे जेल हो जाती है। पहले उसे मुरादाबाद जेल भेजा जाता है वहां से उस लखनऊ सेंट्रल जेल भेज दिया जाता है।
कहानी में नए मोड़ के साथ नए किरदारों की एंट्री होती है। लखनऊ सेंट्रल जेल में उसकी मुलाकात गायत्री (डायना पेंटी) से होती है। गायत्री एक एनजीओ चलाती हैं। गायत्री को जेल के कैदियो का म्यूजिक बैंड बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिलताहै। उसे 15 अगस्त के लिए अलग-अलग जेल के कैदियों को लेकर एक म्यूजिक बैंड की परफॉर्मेंस की जिम्मेदारी उठानी होती है।
इस दौरान किशन जेल के बाकी साथी (दीपक डोबरियाल, इनामुल हक, राजेश शर्मा, गिप्पी ग्रेवाल) को लखनऊ सेंट्रल नाम का बैंड बनाने के लिए मना लेता है। जेलर (रोनित रॉय) को को यह बात हजम नहीं होती है। इसके बाद वह सभी कैदियों को परेशान करने के तरीके ढूंढने लगता है। ऐसे ही ट्विस्ट एंड टर्न से होते हुए कहानी अपने अंजाम तक पहुंचती है।
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एक्टिंग– फिल्म के सभी किरदारों ने अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है। सभी की एक्टिंग बहुत अच्छी रही है। फरहान अख्तर ने उत्तर प्रदेश के एक लड़के के किरदार और उसकी बोली को बखूबी अपनाया है। बंगाली किरदार में दीपक डोबरियाल की एक्टिंग जबरदस्त नजर आई। इनके अलावा इनामुल हक, राजेश शर्मा और गिप्पी ग्रेवाल की एक्टिंग भी सराहनीय रही। मनोज तिवारी और रवि किशन की मौजूदगी से फिल्म में अलग ही ऊर्जा आ जाती है। रोनित रॉय ने अपने निगेटिव किरदार को बहुत अच्छे से अदा किया है।
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डायरेक्शन– फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है। कहानी की पकड़ कमजोर लगती है। कही न कहीं फिल्म की कहानी आदर जैन की फिल्म ‘कैदी बैंड’ की याद दिलाती है। हालांकि थीम भले ही मेल खाता हो कहानी पूरी अलग है। सिनेमेटोग्राफी अच्छी है। कैमरा एंगल का बहुत अच्छे से ध्यान रखा गया है। कहानी की पकड़ कमजोर लगी है।
म्यूजिक– फिल्म का म्यूजिक दर्शकों के बीच जगह कुछ खास नहीं बना पाया है। हालांकि म्यूजिक अच्छा है। ‘मीर-ए-कारवां’ और ‘रंगदारी’ सुनने में काफी अच्छा लगता है।
देखें या नहीं– मल्टी टैलेंटेड फरहान अख्तर, पंजाबी सुपरस्टार गिप्पी ग्रेवाल, दीपक डोबरियाल, रवि किशन, मनोज तिवारी जैसे उम्दा स्टार्स की अच्छी एक्टिंग देखने के लिए सिनेमाघर जा सकते हैं।