‘ट्रिब्यूट टु वुमेनहुड’ के तहत महिलाओं को एक मंच पर लाया ‘मोटिवेजर्स क्लब’

लखनऊ।  महिला सशक्तीकरण के मुद्दे को एक मंच पर उठाने के लिए रविवार को मोटिवेजर्स क्लब ने ‘ट्रिब्यूट टु वुमेनहुड’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं ने अपने वक्तव्य रखे। इस बार की थीम महिलाओं पर आधारित थी, जिसके मद्देनजर कई महिलाओं को सम्मानित किया गया।

मोटिवेजर्स क्लब

मोटिवेजर्स क्लब  इससे पहले भी कई ऐसे कार्यक्रम कर चुका है, जिसमें बुजुर्गों को एक मंच पर इकट्ठा कर उनकी जरूरतों और अकेलेपन को दूर करने का प्रयास किया गया है।

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रविवार को गोमतीनगर के पत्रकारपुरम चौराहे के पास स्थित पब्लीक कैफे में विभिन्न क्षेत्रों से महिलाओं को आमंत्रित किया गया। थीम को ध्यान में रखते हुए सारे कार्यक्रम महिलाओं से जुड़े हुए ही रखे गए। कार्यक्रम की शुरुआत क्लब की वालंटियर प्रिशिता राठी और आस्था सिंह ने की। कार्यक्रम के दौरान इशिता चौहान ने ‘ओ री चिरैया’  गाना गाकर लोगों का मनोरंजन किया।

मोटिवेजर्स क्लब के फाउंडर गौरव छाबरा ने बताया कि महिला सशक्तीकरण को लेकर हम लोगों ने एक छोटा सा प्रयास किया है। एक मंच पर लोगों को इकट्ठा कर हम समाज में छोटे से प्रयास से जागरूकता फैला सकते हैं। गौरव का कहना है, हमारा क्लब हर बार एक नई थीम पर काम करता है। खासकर युवाओं को नई दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करना और अपने आस-पास के बुजुर्गों के प्रति मदद का भाव लाना ही हमारा प्रयास है। जिससे हम समाज के जरूरत मंद बुजुर्गों को मदद पहुंचा सके।

कार्यक्रम की खास बातें

कार्यक्रम के दौरान गेस द सॉंग, गेस द पिक्चर्स जैसे गेम्स कराये गए। ये सारे गेम्स महिलाओं को ध्यान में रखते हुए चूज किये गये थे। इन गेम्स में विनर भी महिलाएं ही रहीं। गेम्स में जीती महिलाओं को गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया।  कार्यक्रम के दौरान क्लब की मेम्बर मिसेज वीना जी का जन्मदिन भी मनाया गया, जोकि मोटिवेजर्स क्लब हर बार अपने कार्यक्रम में वरिष्ठजनों का जन्मदिन मानता रहा है।

कार्यक्रम में प्रोफेसर रश्मि शाह, शिक्षिका कुक्कू पंथ, रिटायर्ड प्रिंसिपल शालिनी माथुर और कई ग्राहिणी भी मौजूद रहीं। इस दौरान प्रोफेसर रश्मि शाह ने कहा, ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं को एक प्रेरणा मिलती है कि वो बढ़-चढ़ कर अपने आस-पास मौजूद लोगों के प्रति मदद का भाव ला सकें। इस तरह का आयोजन लखनऊ शहर में पहले कभी नहीं हुआ। जो कमी बुजुर्गों में अपने बच्चों के दूर रहने से पैदा ,होती है, ऐसे कार्यक्रमों से ये दूरी महसूस नहीं होती है।

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वहीं रिटायर्ड प्रिंसिपल महेंद्र सिंह ने कहा, “मेरा परिवार बड़ा होने के बावजूद मुझे लगता है इस प्रकार के कार्यक्रम से हमारे दिलों में एक नई उमंग पैदा होती है। हमें बुजुर्गों  के लिए हो रहे इस तरह के कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए और युवाओं को हौसला देते हुए इस पहल के लिए प्रेरित करना चाहिए।

कार्यक्रम के आखिर में बुजुर्गों ने अपनी समस्याओं को मोटिवेजर्स क्लब के सामने रखा और इस क्लब से जुडने के बाद अपने नए अनुभव को भी सबके बीच साझा किया।

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