माल्या केस : ब्रिटेन की जज ने खोल दी बैंकों की आंखें, जानबूझ कर हुआ फ्रॉड!

नई दिल्ली। विजय माल्या के प्रत्यपर्ण मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटेन की न्यायाधीश ने शुक्रवार (16 मार्च) को भारतीय बैंकिंग व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। न्यायाधीश ने कहा कि “माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने में कुछ भारतीय बैंकों ने नियमों को ताख पर रख कर काम किया है। यह बात ‘बंद आंख से भी’ देखी जा सकती थी।

माल्या

लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की न्यायाधीश एम्मा आर्बथनॉट ने पूरे मामले को ‘खांचे जोड़ने वाली पहेली’ (जिग्सॉ पज़ल) की तरह बताया जिसमें ‘भारी तादाद’ में सबूतों को आपस में जोड़कर तस्वीर बनानी होगी।

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एम्मा आर्बथनॉट ने कहा कि अब वह इसे कुछ महीने पहले की तुलना में ‘ज्यादा स्पष्ट’ तौर पर देख पा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘यह साफ है कि बैंकों ने (कर्ज मंजूर करने में) अपने ही दिशानिर्देशों की अवहेलना की।’

एम्मा ने भारतीय अधिकारियों को इस मामले में शामिल कुछ बैंक कर्मियों के पर लगे आरोपों को समझाने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि यह बात माल्या के खिलाफ ‘षड्यंत्र’ के आरोप की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

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जानकारी के लिए बता दें कि 62 वर्षीय माल्या के खिलाफ इस अदालत में सुनवाई चल रही है कि क्या उन्हें प्रत्यर्पित कर भारत भेजा जा सकता है या नहीं, ताकि उनके खिलाफ वहां की अदालत बैंकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुनवाई कर सके। उनके खिलाफ करीब 9,000 करोड़ रुपए के कर्जों की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है।

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