कहीं आप भी तो नहीं हैं मच्छरों की मोहब्बत, खून देकर चुकानी पड़ेगी कीमत

नई दिल्‍ली। गर्मियों में मच्‍छरों के काटने से होने वाली बीमारियां होना आम बात है। मच्छरों के काटने के साथ ही ये बीमारियां संक्रमण से भी फैलती हैं। इन जीवों का बसेरा आपके आस-पास फैली गंदगी, घरों के कोनों और गंदे पानी में होता है। वैसे तो मच्छर हर किसी को काटते हैं लेकिन एक सर्वे में पता चला है कि कुछ खास 20 फीसद लोग ऐसे हाते हैं, जिनकी तरफ मच्छर ज्यादा आकर्षित होते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि वो 20 फीसद लोग कौन हैं।

गर्मियों में मच्‍छरों

जिनको पसीना ज्यादा आता है

गर्मी के दिनों में शरीर से पसीना निकलना एक आम बात है। लेकिन कुछ लोगों को पसीना जरूरत से ज्यादा आता है। शरीर से पसीने के साथ-साथ लैक्टिक एसिड, यूरिक एसिड अमेनिया मच्छरों को ज्यादा आकर्षित करते हैं। जिन लोगों को पसीना ज्यादा आता है भले ही वह मेहनत का काम करते हों, जिम जाते हों या गर्मी वाले स्थानों पर रहते हों, ज्‍यादातर मच्छर उन्‍हें आपना शिकार बनाते हैं।

प्रेग्नेंसी के समय

एक रिसर्च के मुताबिक गर्भवती महिलाएं एक सामान्य महिला की तुलना में ज्यादा कार्बनडाईऑक्साइड गैस रिलीज करती हैं, जिसकी वजह से प्रेग्नेंट महिला की तरफ मच्छर ज्यादा आकर्षित होते हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं का पेट आम दिनों की अपेक्षा अधिक गर्म होता है, जो कि मच्छरों को आकर्षित करता है। यह भी मच्छरों के ज्यादा काटने की एक वजह है।

कार्बन डाई ऑक्साछइड गैस भी करती है आकर्षित 

मच्छर कार्बनडाईऑक्साइड गैस की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं। मच्छर 166 फीट की दूरी से ही समझ जाते हैं कि उनको कहां कार्बनडाईऑक्साइड गैस मिलने वाली है। हम सांस लेने की प्रकिया में ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाई ऑक्साइड गैस छोड़ते हैं। यही कारण है कि मच्छर हमारी नाक के आसपास यानी सिर और कान के बाहर मंडराते रहते हैं। यहीं से ही कार्बनडाईऑक्साइड गैस निकलती है।

डार्क कलर के कपड़े देखकर काटते हैं मच्छर 

डार्क कलर के कपड़े पहनने वालों को मच्छर अपना शिकार ज्यादा बनाते हैं। दोपहर के बाद से मच्छर ज्यादा सक्रीय हो जाते हैं। लोग डार्क कलर के कपड़े पहनने वालों को अपना शिकार बनाते हैं। डार्क कलर के कपड़े खासकर नेवी ब्लू और ब्लैक कलर के कपड़ों को देखकर उनकी ओर ज्‍यादा जाते हैं।

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ब्लड ग्रुप वाले होते हैं अधिक शिकार

खून मच्छरों के लिए सब कुछ होता है। सीधे तौर पर आप कह सकते हैं कि मच्छर के लिए खून अमृत है। वयस्की मच्छरों के लिए यह प्रोटीन का काम करते हैं मगर फीमेल मच्छर अंडे देने के लिए मनुष्य के खून में मौजूद प्रोटीन का पोषण प्राप्त करती हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कुछ ब्लड टाइप मच्छरों को ज्यादा जरूरत होती है, जिन्हें वह अपना निशाना बनाते हैं। O ब्लड ग्रुप वाले लोग A ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में मच्छरों को ज्यादा आकर्षित करते हैं जबकि B ब्लड ग्रुप के लोगों को सामान्य रूप से काटते हैं।

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