बिहार में मचेगा सियासी घमासान, जब ‘ससुर’ के खिलाफ उतरेगा उतरेगा ‘दामाद’!
पटना। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख रामविलास पासवान को अब अपने घर में ही चुनौती मिलने लगी है। अगले लोकसभा चुनाव में पासवान के दामाद या बेटी उनके खिलाफ ही खम ठोंकते नजर आ सकते हैं। रामविलास के दामाद और राजद नेता अनिल साधु ने यहां गुरुवार को कहा, “पार्टी अगर मुझे या मेरी पत्नी को टिकट देती है तो हम निश्चित रूप से रामविलास के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।”
पिछले चुनाव में लोजपा छोड़ राजद में शामिल हुए साधु ने पासवान पर दलितों को ‘बंधुआ मजदूर’ समझने का आरोप लगाते हुए कहा, “पासवान ने सभी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों का अपमान किया है। दलित उनके बंधुआ मजदूर नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, “हम पति-पत्नी पूरी तरह से लोजपा प्रमुख से टकराने को तैयार हैं। राजद हम पति-पत्नी को पार्टी में जहां कहीं भी प्रयोग करना चाहे, हम उसके लिए तैयार हैं।”
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रामविलास पासवान को दलितों के नहीं, बल्कि सवर्णो का नेता बताते हुए साधु ने कहा, “अगर राजद मुझे या मेरी पत्नी आशा पासवान को हाजीपुर से टिकट देती है तो हमलोग निश्चित रूप से पासवान के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हैं।”
रामविलास पासवान की दो शादियां हैं। उन्होंने पहली शादी वर्ष 1981 में राजकुमारी देवी से की थी, जिनसे दो बेटियां-आशा व उषा हैं। वर्ष 1983 में उन्होंने रीना से विवाह किया था, जिसने बेटा चिराग पासवान हैं। रामविलास राजनीति में ‘जब जैसी बहे बयार पीठ तब तैसी कीजे’ को चरितार्थ करने के लिए चर्चित रहे हैं।