लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रों का धरना प्रदर्शन, सपा नेता राम गोविंद चौधरी का मिला साथ

रिपोर्टर- तबरेज़ कज़िलबाश

लखनऊ। लखनऊ यूनिवर्सिटी में हुए शिक्षक और छात्रों के संघर्ष के बाद गठित लविवि छात्र संघर्ष मोर्चा बरसात के मौसम में हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर धरना दिया। संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने यूनिवर्सिटी में योग्य छात्रों को प्रवेश न दिए जाने पर निष्कासित छात्रों को रिहा करने विवि प्रशासन के तानाशाही व्यवहार और कुलपति को बर्खास्त करने की अपनी प्रमुख मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है।

लखनऊ विश्वविद्यालय

लखनऊ यूनिवर्सिटी में एडमिशन न देने पर छात्रों के प्रदर्शन में अब विपक्ष भी खुलकर मैदान में आ गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने छात्रों के धरने में शामिल होते हुए कहा कि विवि प्रशासन योग्य छात्रों को प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद भी एडमिशन नहीं दे रहा है।

विवि किसी पार्टी का नहीं होता। बल्कि सभी विचारधाराओं का केंद्र होता है। राम गोविंद चौधरी ने आरोप लगाया कि छात्रों ने मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाए है। इसलिए विवि ने विरोधी पार्टी का होने की वजह से छात्रों का प्रवेश रोका है।

विपक्ष ने कहा है कि यदि छात्रों को न्याय नहीं मिलता है, तो विधानसभा का घेराव किया जायेगा। धरने में सपा के साथ ही राष्ट्रीय लोक दल के नेता भी शामिल हुए।

इससे पूर्व विवि के गंगा प्रसाद मेमोरियल हाल में मोर्चा ने गोष्ठी बुलाई थी, जिसमें कई लोकतान्त्रिक संगठनों को बुलाया गया था। मगर विवि ने अनुमति नहीं दी। जिसकी वजह से छात्रों ने बारिश में हजरतगंज में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया।

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इससे पहले विश्वविद्यालय छात्र संघ मोर्चा द्वारा तीन मांगो को लेकर कराए गए। छात्र कन्वेंशन में आंदोलन की रणनीति के तहत सड़क पर विश्वविद्यालय का आयोजन किया गया था। छात्रों का कहना है कि यदि विश्वविद्यालय प्रवेश नहीं देता है, तो हम सड़कों को ही विश्वविद्यालय बना लेंगे।

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बता दें यूनिवर्सिटी में हुए शिक्षक और छात्रों के संघर्ष के बाद स्वतः संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने गत छह जुलाई को इस मामले में डीजीपी, एसएसपी सहित विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्ट्रार और प्रॉक्टर को अपने-अपने जवाबी हलफनामे दाखिल करने के निर्देश दिए थे।

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