फर्जी LOU जारी करने के लिए नीरव ने मैनेजर को इस तरह बनाया दीवाना

मुंबई। PNB में हुए लगभग 11500 करोड़ के घोटाले के बाद देश का हर नागरिक इस बात से हैरान है कि आखिरकार बैंक अधिकारियों ने इतनी बड़ी राशि बिना किसी आधार के नीरव मोदी को कैसे दे दी है। ऐसे में इस सवाल का जवाब भी मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शनिवार को उजागर कर दिया है। सीबीआई ने बताया है कि निरव मोदी बैंकों से लोन पाने के लिए अधिकारियों को ख़ास तरह का घूस देता था।

नीरव मोदी

मुंबई कोर्ट में जानकारी देते हुए CBI ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों को इस फर्जीवाड़े में शामिल करने के लिए नीरव मोदी ने उन पर सोने और हीरे के गहने की बौछार कर दी थी। सीबीआई के मुताबिक़ पिछले साल अक्टूबर में ही पीएनबी अधिकारियों को गहने दे दिए गए थे।

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सीबीआई ने कहा कि पीएनबी के ब्रैडी हाउस ब्रांच में 2015 से 2018 तक फॉरेक्स विभाग के मैनेजर रहे यशवंत जोशी ने घूस में जूलरी लेने की बात स्वीकार की है। पीएनबी की यह शाखा घोटाले का केंद्र रही है।

CBI के मुताबिक़ यशवंत ने माना कि उसने 2 सोने के सिक्के, सोने और हीरे की कान की बालियां घूस में ली हैं। सीबीआई ने बताया कि घूस में ली गई जूलरी यशवंत के घर से बरामद कर ली गई है।

आपको बता दें कि यशवंत ने नीरव मोदी के कहने पर गलत एलओयू जारी किए थे। जांच एजेंसी ने बताया कि घोटाले में गिरफ्तार किए गए एक और आरोपी पीएनबी के स्केल 1 ऑफिसर प्रफुल सावंत ने जानबूझ के SWIFT मेसेज को नजरअंदाज किया था।

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देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी ने मुख्य रूप से 2 निम्न स्तर के कर्मचारियों पर LoU जारी कर नीरव को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। हालांकि सीबीआई ने इससे आगे बढ़ते हुए 2 आंतरिक ऑडिटर्स को भी गिरफ्तार किया है। वहीँ सीबीआई इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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