
चंडीगढ़ : किसान कर्ज माफी के नाम पर पंजाब सरकार को दोहरा चेहरा सामने आया है। सरकार के ऐजेंडे में शामिल किसान कर्ज माफी में बड़ा ‘खेल’ हुआ है।
पंजाब का किसान सरकार की कर्ज माफी के लिए दर-दर भटक रहा है, वहीं सरकार ने अपनी ही पार्टी के एक नेता का चार लाख रुपये का लोन माफ कर दिया है। जबकि सरकार ने छोटे किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी।
सरकार की इस दोहरी नीति के खिलाफ विपक्षी दलों का कहना है कि राज्य की कैप्टन सरकार सिर्फ पार्टी के नेताओं को ही फायदा पहुंचा रही है, आम आदमी की यहां कोई सुनवाई नहीं है।
‘इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, किसान संघ ने कहा है कि मोगा और फाजिल्का में कर्ज माफी योजना का लाभ लेने वाले किसानों की सूची में कांग्रेस नेताओं के परिवार का नाम भी शामिल है। उनका 40 हजार से दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया गया है।
किसान संघ ने बताया कि मोगा जिले में निहाल सिंह वाला नाम से विधानसभा क्षेत्र है। यहां गुरसेवक और उसकी मां के नाम 1।94 तथा 2 लाख का कर्ज सरकार ने माफ कर दिया है। मां-बेटे पर कोऑपरेटिव सोसाइटी का करीब चार लाख रुपये का कर्ज था। गुरसेवक कांग्रेस से ब्लॉक प्रमुख हैं और उनके पास 10 एकड़ से ज्यादा जमीन है।
किसानों का प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन ने इस मुद्दे पर एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया था। किसान यूनियन ने बताया कि कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता उपाध्यक्ष जसवंत सिंह और सुखदेव सिंह का भी लोन माफ किया गया है, जबकि जसवंत सिंह के पास आठ एकड़ और सुखदेव के पास 19 एकड़ जमीन है।
सरकार ने लिया था फैसला
पिछले साल पंजाब में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के घोषणापत्र के वादे के मुताबिक अलग-अलग श्रेणियों में 9.80 लाख किसानों का कृषि कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में पिछले साल जून में पांच एकड़ तक जमीन वाले किसानों का दो लाख रुपए तक का फसली कर्ज माफ कर दिया। जबकि, इससे अधिक कर्ज वाले किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी।
मृतक किसानों को मुआवजा
मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि, कर्ज के दबाव में आकर जिन किसानों ने आत्महत्या की है, उनका कर्ज सरकार उठाएगी। मुआवजे की रकम तीन से बढ़ाकर पांच लाख सरकार ने कर दिया।
साभार: जी न्यूज़




