13 साल से बंद है कांच के पिंजरे में जिंदगी, एक आलू ने बना दी ये दशा

मैड्रिड। आज के इस दौर में बीमारियों का कोई ठिकाना नहीं कौन सी बीमारी आपको शिकार बना ले, लेकिन बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं, जिनसे लोग हमेशा दूरी बनाना चाहेंगे। ऐसी कुछ दुर्लभ और गंभीर बीमारियों से जूझ रही है एक महिला। आलम यह है कि चेहरे पर मुस्कान के बावजूद दिल में दर्द का पहाड़ लेकर ये जीवन जीने को विवश है। बता दें पिछले 13 सालों से इस महिला का खुली हवा से नाता टूटा हुआ है। कांच के एक पिंजरे में उसे रहना पड़ता है। और मिलने वालों से मुलाक़ात के लिए भी यह केवल उन्हें देख कर ही बसर कर लेती है।

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दुर्लभ बीमारियां

खबरों के मुताबिक़ जुआना की ऐसी हालत देख और उनकी चार रहस्यमयी बीमारियों के बारे में जान खुद डॉक्टर भी हैरान हैं।

जुआना को कैमिकल सेंसिटिविटी, फाइब्रोमायलजिया, क्रोनिक फटीग सिंड्रोम और इलेक्ट्रोसेंसिटिविटी से पीड़ित हैं।

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जुआना ने बताया कि वह उस वक्त इन घातक बीमारियों की चपेट में आईं जब पहले बच्चे को जन्म देने के बाद, वह अपने पति द्वारा विकसित किए गए आलू पर लगी धूल के संपर्क में आईं।

जुआना उस वक्त आलुओं की सफाई कर रहीं थीं कि तभी उनकी एक आंख में जलन होने लगी। इसके बाद तो उनकी स्थिति खराब होती चली गई।

53 साल की जुआना मुनोज की हालत ऐसी है कि जो भी देखता है सिहर उठता है। जुआना न तो अपने पति और बच्चों पर प्यार लुटा सकती हैं और न ही उन्हें गले लगा सकती हैं। यहां तक कि वह हाल ही में पैदा हुए अपने पोते को भी गोद में नहीं उठा सकतीं।

जुआना को आज भी उस दिन का इंतजार है, जब वह अपने प्रियजनों से मिल पाएंगी और उन्हें खूब प्यार कर पाएंगी।

फिलहाल तो वह 25 मीटर लंबे शीशे के चेंबर में रहने को मजबूर हैं। पिछले 1 दशक से यही उनका घर बन गया है।

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