गुजरात: ज्ञान अधिकार सभा के दौरान राहुल के गले से लिपटकर रोने लगीं महिला प्रोफ़ेसर

कांग्रेस उपाध्यक्षअहमदाबाद। इन दिनों कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात दौरे पर हैं। शुक्रवार को राहुल गांधी जब अहमदाबाद के निकोल में ज्ञान अधिकार सभा में अध्यापकों से मिल रहे थे तभी वहां मौजूद ऐड-हॉक प्रोफेसर रंजना अवस्थी ने कुछ ऐसा किया कि कुछ देर के लिए सभी भौचक्के रह गये।

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दरअसल, सभा के दौरान प्रोफेसर रंजना, राहुल की तरफ बढ़ीं और गले लिपटकर रोने लगीं। राहुल भी उन्हें संभालते हुए नजर आए और उनकी परेशानी भी सुनी। यह नजारा देखकर वहां मौजूद बाकी लोग भी भावुक हो गए।

अहमदाबाद के एमबी पटेल राष्ट्रसभा कॉलेज की प्रोफेसर रंजना उचित शैक्षिक योग्यता और पीएचडी होल्डर होते हुए भी सम्मान और अधिकार न मिलने के कारण पिछले 22 साल से संघर्ष कर रही हैं। वह बस इतना चाहती थीं कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें सम्मानपूर्वक जिंदगी बिताने के लिए पेंशन मिलती रहे लेकिन सरकार की नई नीति से उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है।

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पिछले हफ्ते गुजरात सरकार ने पार्ट टाइम प्रफेसरों को निश्चित वेतन वर्ग में रखने के लिए नीति लागू की थी जिसके तहत प्रोफेसरों को एक फॉर्म भरना था।

रंजना का मानना है कि इस नीति के चलते वह रिटायरमेंट के बाद पेंशन स्कीम की लाभार्थी नहीं रह पाएंगी। साथ ही अपने कार्यकाल में पीएचडी होल्डर होते हुए भी उन्हें कभी पूरी सैलरी नहीं मिली और न ही मैटर्निटी लीव।

रंजना ने कहा कि मेरे मन में सरकार के लिए जो गुस्सा और दुर्व्यवहार किए जाने का जो दुख था वह राहुल गांधी से मिलते ही आंसुओं से फूट पड़ा।

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रंजना ने बताया कि इस सिलसिले में वह मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से लेकर उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह से मिल चुकी हैं लेकिन सभी ने उनको इंतजार करवाया।

उन्होंने कहा कि जब सुना कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी निकोल में ज्ञान अधिकार सभा में अध्यापकों से मिलने आ रहे हैं तो मैं भी उनके वहां जाने को तैयार हो गई।

गुजरात मॉडल के अंदर शिक्षक परेशान

रंजना ने बताया कि मैं 10 वर्ष तक पार्ट टाइम प्रफेसर रही। फिर 2006 में सरकार ने विज्ञापन दिया कि पार्ट टाइम अध्यापकों को फुल टाइम प्रफेसर बनाया जाएगा। इसके बाद भी 250-300 ऐसे प्रोफ़ेसर हैं जिन्हें उनका पूरा वेतन नहीं दिया गया।

बता दें 1994 में रंजना को कॉलेज में कोई वैकेंसी न होने के संस्कृत की पार्ट टाइम प्रोफ़ेसर के रूप में नियुक्त किया गया लेकिन जॉइनिंग की प्रक्रिया फुल टाइम प्रोफ़ेसर वाले प्रावधानों के तहत थी।

रंजना कहती हैं कि मुझे इस दौरान आर्थिक मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न से गुजरना पड़ा है। मैं लोगों को गुजरात मॉडल के अंदर शिक्षकों की परेशानियां सामने लाना चाहती हूं।

https://youtu.be/7NpfUBdXswI

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