किस्से राजनीति के : कुछ ऐसे थे अटल; उद्धाटन से पहले खरीदा टिकट, फिर हुए मेट्रो पर सवार

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज(16 अगस्त 2020) को दूसरी पुण्यतिथि है। इस मौके पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू समेत तमाम अन्य लोगों ने सदैव अटल पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।

आज हम आपको अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से जुड़ा एक बेहद दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं। यह किस्सा उस दौरान का है जब अटल बिहारी वाजपेयी खुद उद्धाटन के लिए पहुंचे थे, बावजूद उन्होंने टिकट खरीदा फिर मेट्रो पर सवार हुए। यह किस्सा साल 2002 का है जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के पीएम और शीला दीक्षित दिल्ली की सीएम थी। 24 दिंसबर 2002 को दिल्ली को मेट्रो की सौगात मिली थी और रेड लाइन का 8.2 किमी का मेट्रो ट्रैक बनकर तैयार हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी उसे मेट्रो को हरी झंडी दिखाने के लिए पहुंचे हुए थे। कार्यक्रम का आयोजन कश्मीरी गेट दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर होना था। इस दौरान वहां लाल कृष्ण आडवाणी, तत्कालीन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री अनंत कुमार, डीएमआरसी के प्रमुख ई. श्रीधरन और मेट्रो के अध्यक्ष मदल लाल खुराना मौजूद थे।

अटल बिहारी वाजपेयी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे लेकिन उन्होंने मेट्रो को हरी झंडी नहीं दिखाई। पहले उनके कदम मेट्रो के टिकट काउंटर की ओर बढ़े। वहां से उन्होंने कश्मीरी गेट से सीलमपुर का टिकट खरीदा। इस तरह प्रधानमंत्री को टिकट खरीदता देख मौजूद अन्य लोगों ने भी पहले टिकट लिया और फिर मेट्रो पर सवार हुए।

इस तरह टिकट लेने के बाद सभी लोग मेट्रो से चले जहां से वह सभी सीलमपुर पहुंचे। वहां सभी लोग नीचे उतरे और फिर से कश्मीरी गेट पहुंचे। यहीं पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ और वाजपेयी ने मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना हुआ।

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