
सुनील सोनी
कुशीनगर। जिले के नगरपंचायत कप्तानगंज में बने काशीराम आवास में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अधिकारियों की टीम अचानक जांच के लिए पहुंच गई। जिस आवास को सरकार ने गरीबों को रहने के लिए उचित व्यवस्था की थी वह इन आवास को पाने से वंचित रहे। सरकार की पहल ने यह खास ख्याल रखा कि जिसके पास घर नहीं है। उनके लिए गावों मे इंद्रा आवास योजना तथा नगरीय क्षेत्रो में रहने वाले गरीबों के लिए काशीराम शहरी आवास की व्यवस्था कर उन गरीब परिवार के लोगों के लिए पक्के मकान की छत दी पर आवंटन में भी जम कर भष्टाचार किया गया।
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इस योजना में जिन गरीबों को मकान मिलने थे उनकी जगह जिनके पास पहेले से पक्के घर हैं। उन्हें इन आवासों में जगह दी गई तथा बेघर लोग को इससे महरूम रखा गया जो आज भी खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर हैं।
कुशीनगर जिले के नगरपंचायत कप्तानगंज में स्थित काशीराम आवास में अधिकारियों की जांच एक शिकायत के आधार पर जाच टीम पहुंची थी। यह शिकायत तहसील दिवस में इस सरकारी आवास में ही रहने वाली रेहाना खातून ने की थी। जो इन आवासों में पात्रो को इस योजना से वंचित रखा गया और जिनके पास पहले से छत है जो अपात्र हैं। उनको इस योजना का लाभ दिया गया। तहसील दिवस में की गई शिकायत में यह भी जिक्र किया गया की इन आवास की मकानों को किरायेदारों को देकर भी पैसे वसूले जा रहे हैं।
जिन गरीबों के पास घर नहीं हैं वे उसमे किराया देकर रहने को मजबूर हैं। जब लोगों की यह भी शिकायत थी कि कुछ मकानों में जुआ-शराब व देहव्यापार जैसी घिनौनी कृत किये जाते हैं। जिससे आवासों में रहने वाले अन्य परिवारों का जिंदगी बत्तर हो गयी है।
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बच्चों के भविष्य अन्धकार में डूबता नजर आ रहा है। जब कि अधिकारी जांच के आने पर एक जगह बैठ कर कई घरों की जाच करते नज़र आये। जिससें जाच निरर्थक नज़र आई और यह जांच यह सिद्ध कर रहा है की अधिकारी की यह जांच सिर्फ कोरम पूर्ति की लिए की गई।