कर्नाटक के रण में कांग्रेस ने रचा चक्रव्यूह, भाजपा की राह का रोड़ा बनेगा हिंदुत्व!
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए महासंग्राम का आख़िरी दौर जारी है। सत्ता और विपक्ष आज अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुटे हुए हैं। एक दूसरे के वोट बैंक को साधने का प्रयास किया जा रहा है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
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उन्होंने आख़िरी दांव खलते हुए नमो ऐप के जरिये जनता से संवाद स्थापित किया। साथ ही उन्होंने एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग समूह से ताल्लुक रखने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं से भी बातचीत की।
वहीं अमित शाह ने बादामी में मेगा रोड शो करके सिद्धारमैया को उनके ही क्षेत्र में अपनी ताकत का एहसास कराया।
दूसरी ओर राहुल गांधी ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए भाजपा को ‘चुनावी हिन्दू’ करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा दलितों के प्रति उदासीन रवैया दिखाया है। चुनावी मौसम में ही भाजपा को इस और रुख करने का ध्यान आता है।
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साथ ही भ्रष्टाचार और अत्याचार के मुद्दे पर भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा को निशाने पर लिया।
खबरों के मुताबिक़ चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सबसे पहले पीएम मोदी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला। प्रधानमंत्री ने बीजेपी के SC/ST/OBC और स्लम कार्यकर्ताओं के साथ नमो ऐप के जरिए संवाद के दौरान कांग्रेस पर हमला बोला।
पीएम मोदी ने दलित चिंतकों को श्रद्धा का केंद्र बताते हुए कहा, ‘मैं बेहद जिम्मेदारी से चुनौती देता हूं कि कांग्रेस कोई भी एक काम बता दे, जो उन्होंने बाबा साहेब के लिए किया हो।’
उन्होंने कहा कि जब तक कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी, तब तक बाबा साहेब को भारत रत्न नहीं दिया। कांग्रेस ने कभी भी बाबा साहेब का सम्मान नहीं किया जबकि बीजेपी डॉक्टर आंबेडकर के सपनों का भारत बनाने में लगी हुई है।
उन्होंने बताया कि केंद्र की एनडीए सरकार ने एससी/एसटी ऐक्ट को और कड़ा किया है और अपराधों की सूची को 22 से बढ़ाकर 47 किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ओबीसी समुदाय का वोट तो चाहती है, लेकिन उन्होंने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं देने दिया।
पीएम मोदी ने कहा- ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा मिलने से रोकने के लिए ही कांग्रेस ने संसद नहीं चलने दी।
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार OBC समुदाय के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। इन बच्चों को थोड़ा सा सहारा मिल जाए तो ये देश को भी आगे ले जा सकते हैं।’
दरअसल, बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद के दौरान पीएम मोदी ने दलित, ओबीसी कार्ड के बहाने सीधे तौर पर सीएम सिद्धारमैया के अहिंदा वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है।
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बता दें माइनॉरिटीज, बैकवर्ड क्लासेज और दलितों को कन्नड़ में शॉर्ट फॉर्म के रूप में अहिंदा कहा जाता है। सिद्धारमैया के ‘लिंगायत कार्ड’ के बाद दबाव में आई बीजेपी की तरफ से ऐसी रणनीति की पहले ही उम्मीद जताई जा रही थी।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक संवाददाता सम्मेलन कर न केवल प्रधानमंत्री मोदी के हमले का जवाब दिया बल्कि बीजेपी के हिंदुत्ववाद पर भी हमला बोला।
राहुल ने कहा, ‘पीएम बताएं कि वो रोहित वेमुला के मुद्दे पर चुप क्यों रहे? राहुल ने कहा, ‘रोहित वेमुला को मार दिया गया क्योंकि वह दलित था, पढ़ना चाहता था। जब महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं तो कांग्रेस क्यों नहीं बोलेगी? क्या यह राजनीति की बात नहीं है? महिलाओं के सम्मान से देश का सम्मान जुड़ा है और हम उनके लिए लड़ते रहेंगे।’
कांग्रेस अध्यक्ष ने ने बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड पर भी हमला बोला और चुनाव के दौरान मंदिर जाने के सवाल पर तीखा जवाब दिया।
उन्होंने कहा, ‘एक राजनीतिक पार्टी का नेतृतत्वकर्ता होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि मैं विभिन्न मतों को मानने वाले स्थानों पर जाऊं। मुझे जहां से भी बुलाया जाता है, मैं जाता हूं।
बीजेपी हिंदुत्व का मतलब नहीं समझती। उनके लिए हिंदुत्व चुनावी राजनीति की रणनीति भर है। हमारे देश में अलग धर्म मानने वाले लोग हैं। हम सबको साथ लेकर चलते हैं। मैं पिछले 15 सालों में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और हर धार्मिक स्थल पर गया हूं। बीजेपी को यह अच्छा नहीं लगता। मुझे नहीं लगता कि वह सही मायनों में ‘हिंदू’ टर्म का मतलब जानती है। यह एक दृष्टिकोण है।’
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