सफर पर निकले एक लड़के की कहानी जो आपकी हंसी पर ब्रेक लगा देगी

एक बार एक लड़का और उसका पिता रेलगाड़ी में सफ़र कर रहे थे। वह लड़का बार-बार खिड़की से झांक रहा था और पेड़ पौधों को देखकर जोर-जोर से चिल्ला रहा था और हंस रहा था।

रेलगाड़ी में सफ़र

पास ही में बैठा एक शादी-शुदा जोड़ा यह सब देख रहा था।

तभी उस लड़के के पिता ने अपने बेटे से कहा देखो बेटा…. बाहर असमान में बादलों को देखो… वह भी हमारे साथ दौड़ लगा रहे हैं। यह पागलपना देखकर उस शादी-शुदा जोड़े को सहन नहीं हुआ। वह उस लड़के के पिता से बोल बैठे, आप अपने बेटे को किसी डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाते?

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यह सुनकर उस लड़के के पिता ने उत्तर दिया… हाँ, हम डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं। दरसल मेरा बेटा जन्म के समय से ही देख नहीं सकता था पर आज उसके आँखों के सफल ऑपरेशन के कारण वह देख पा रहा है। आज वह बहुत खुश है।

शिक्षा : जब तक पूरी बात समझ में न आ जाए तब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए।

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