कश्मीर की कुरत उल ऐन ने बसाया 300 से ज्यादा युवतियों का घर
(आराधना)
कश्मीर की घाटी में एक समाजसेवी संस्था चला रही कुरत उल ऐन ने अब तक 300 से ज्यादा कश्मीरी युवतियों का घर बसाया हैं। कुरत ने बताया कि शुरु में वह एजुकेशन, समुदाय पर आधारित पुर्नवास, अनाथ बच्चों के लिए काम कर रही थीं और इस सिलसिले में श्रीनगर, बड़गाम जिले के कई हिस्सों में जाती थीं। उन्होंने ने पाया कि कश्मीरी समाज में दहेज प्रथा, वाजवान, शादी के तौर तरीके आदि जैसी परेशानियों के चलते कश्मीरी युवतियों की शादी में देरी हो रही है।कई युवतियां गरीब व और अनाथ होने के कारण शादी नहीं कर पाई हैं।
तब उन्होंने इस परेशानी को दूर करने का बीड़ा उठाया।पहले तीन-चार लड़कियों की शादी करवाई, लेकिन बाद में सर्वे किया तो बड़ी संख्या में ऐसी युवतियां पाई गईं, जिनकी शादियां नहीं हो पा रही थीं। घाटी में ऐसा पहली बार हुआ जब लड़कियों की सामूहिक शादियां करवाई गई हो। लोगों ने भी इस प्रयास की सराहना की और यह सिलसिला आज भी जारी है।
कुरत ने अब तक चार बार सामूहिक विवाह का समारोह कराया हैं, जिसमें 300 से अधिक युवतियों की शादियां हुई है।कश्मीरी शादियों में वाजवान की वजह से खर्च ज्यादा होने से इसे हटा दिया गया। शादियों में केवल केहवा, बेकरी और बिरयानी रखी गई। उन्होंने कहा कि विधवा महिलाओं का आज के समाज में गुजर बसर करना मुश्किल है, इसलिए पांचवां सामूहिक विवाह तलाकशुदा महिलाओं के साथ-साथ विधवाओं के लिए रखा है।