न नारियल फूटा न कैंची चली, ‘जोश’ में आए जोशी ने किया अनोखा उद्घाटन

कानपुर। एक समय था जब भारतीय जनता पार्टी में मुरली मनोहर जोशी की तूती बोलती थी। पार्टी के वरिष्ट नेता जोशी का फैसला भी अन्य बड़े नेताओं को मानना पड़ता था। लेकिन आज ऐसा समय आ गया है कि ना सिर्फ उन्हें सक्रिय राजनीति से बाहर का रास्ता दिखाया गया बल्कि मार्गदर्शक मंडल में रख दिया गया है।

न नारियल फूटा न कैंची चली

अब इसे समय की मार कहें या राजनीतिक प्रहार हो कुछ भी लेकिन यह वरिष्ट नेता पार्टी के लिए बेगाना हो गया है।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद मुरली मनोहर जोशी कई बार अपने गुस्से के कारण चर्चा में आ चुके हैं। इस बार कानपुर के अधिकारी मुरली मनोहर जोशी के गुस्से का शिकार हुए हैं।

दरअसल, कानपुर कलेक्ट्रेट में एक सोलर लाइट पैनल का उद्घाटन करने गए जोशी उस दौरान आग बबूला हो गए जब रिबन काटने के लिए उन्हें कैंची नहीं दी गई।

जोशी का पारा इतना चढ़ गया कि उन्होंने हाथ से ही रिबन तोड़ डाला। जब बाद में अधिकारी कैंची लेकर पहुंचे तो जोशी उनपर बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि अब तो उद्घाटन हो गया है, अब कुछ नहीं हो सकता है।

अधिकारियों से पूछा कौन हैं प्रबंधक?

मामला यही ख़त्म नहीं हुआ। इसके बाद जोशी ने वहां खड़े अधिकारियों से पूछा कि यहां का प्रबंधक कौन हैं, आपने मुझे यहां पर बुलाया है ना। उन्होंने कहा कि कैंची की जरूरत नहीं है ऐसे ही कर दिया हमने। बिगड़े स्वर में जोशी ने अधिकारी को कहा कि आप कितने बदतमीज हैं।

बता दें यह कोइ पहली बार नहीं है जब जोशी ने सार्वजनिक स्थल पर अपना आपा खोया हो। पहले भी कई बार कुछ जगहों पर गुस्सा करते हुए देखा गया है।

पसंद नहीं आई थी मोदी की पीएम उम्मीदवारी

2014 में जब लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा अपने तरकश के सभी तीर आजमाने में लगी थी, और उसे मात्र एक ही विकल्प नज़र आता दिख रहा था जोकि उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे।

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उस दौरान भी लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी ने मोदी के पीएम दावेदारी का जमकर विरोध किया था। इसके बाद मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के चयन के दौरान भी 75 साल की उम्र से अधिक वाली नीति को लाया गया, जिसके कारण जोशी मंत्री नहीं बन सके।

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इसके अलावा लगातार चर्चा थी कि उन्हें राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकित किया जाएगा। लेकिन ऐसा भी नहीं हो सका।

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