फर्जी दस्तावेज लगा कर हथियाई नौकरी, विभाग ने लिया ‘कंगाल’ करने वाला फैसला

रिपोर्ट: अखिलेश्वर तिवारी

बलरामपुर: जनपद के प्राथमिक स्कूलों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले जालसाज अध्यापकों पर शिक्षा विभाग द्वारा शिकंजा कसना शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे अध्यापकों की बर्खास्तगी के साथ-साथ वेतन व भत्ते के रूप में आहरित किए गए सरकारी धन की रिकवरी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।

जालसाज अध्यापकों

जालसाज अध्यापकों पर कार्रवाई

जनपद बलरामपुर के लगभग 15 सौ प्राथमिक विद्यालयों में तैनात अध्यापकों में से अब तक 131 अध्यापक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करते चिन्हित किए गए थे। इनकी बर्खास्तगी पहले ही की जा चुकी है। अब बर्खास्त अध्यापकों द्वारा वेतन व भत्ते के रूप में प्राप्त किए गए सरकारी धन की रिकवरी प्रक्रिया भी चालू कर दी गई है।

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बर्खास्त 131 अध्यापकों में से कुछ अध्यापक नए थे जिनका अभी तक वेतन नहीं भेजा गया था तथा कुछ अध्यापक पुराने थे जो लाखों रुपए वेतन प्राप्त कर चुके थे।

बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिहर प्रसाद तथा वित्त एवं लेखा अधिकारी अश्वनी कुमार जयसवाल ने बताया की सभी अध्यापकों की सूची तैयार कर ली गई है। इनमें से 9 अध्यापकों से रिकवरी का डाटा भी तैयार हो चुका है तथा 2 अध्यापकों का कार्यवाई प्रोसेस में है।

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बर्खास्त अध्यापकों मे से 9 अध्यापकों से एक करोड़ 26 लाख 57 हजार रुपए रिकवरी करने की कार्यवाई  शुरु कर दी गई है।

जानकारों का कहना है कि अभी ऐसे पुराने अध्यापक बड़ी संख्या में हैं जो फर्जी अभिलेखों के आधार पर अपने सर्विस का काफी समय व्यतीत कर चुके हैं। अभी तक मैनुअल डाटा होने के कारण फर्जीवाड़ा करने वाले अध्यापकों द्वारा सत्यापन को प्रभावित किया जाता रहा है परंतु अब ऑनलाइन व्यवस्था होने के चलते वेरिफिकेशन के दौरान फर्जीवाड़ा की संभावनाएं नहीं के बराबर हो गई हैं।

 

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