सुर्खियों में जेएनयू, पहली महिला वीसी की योग्यता पर उठे सवाल

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नव न्युक्ति कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित को वर्तमान में संस्थानिक और राजनीतिक दोनों वर्गों द्वारा समान रूप से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। कथित तौर पर पिछले कुछ विवादित ट्वीट्स के बाद, अब वो अंग्रेजी भाषा की कम जानकारी होने कारण एक बार फिर से विवादों में फस गई हैं.

आपको बता दें कि शांतिश्री नें कुलपति बनने के बाद सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और संस्थान के प्रमुख होने के नाते उनके सामने एजेंडा रखा। जिसके बाद मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने जेएनयू की वीसी के रूप में शांतिश्री धूलिपुडी पंडित के नियुक्ति पर सवाल उठाया और उनकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह कि, “औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाती है। वरुण ने पदभार संभालने के बाद पंडित द्वारा जारी प्रेस नोट को ट्विटर पर साझा किया और कहा कि यह ‘निरक्षरता’ का प्रदर्शन है। भाजपा सांसद ने कहा,  इस प्रेस नोट में व्याकरण के दृष्टि से त्रुटियों की भरमार है।

बता दें कि वरुण गांधी ने वीसी के स्टेटमेंट से तीन त्रुटिपुर्ण शब्दों को पकड़ा और बताया कि इसे किस तरह से लिखा जाना चाहिए। उन्होंने जिन शब्दों की ओर इशारा किया उनमें पहला शब्द है would strive जिसे उन्होनें will strive लिखने की सलाह दी है। इसी तरह students friendly की जगह student-friendly और आखिरी में एक शब्द जो इस स्टेटमेंट में लिखा है वह है excellences जिसे excellence लिखने को कहा है। इन त्रुटियों के प्रकाश में आने के बाद सोसल मीडिया पर छात्रों के द्वारा भी खूब टिप्पणी किया जा रहा है।    

बतातें चलें कि केंद्र सरकार ने 59 वर्षीय पंडित को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की नई कुलपति नियुक्त किया है, जिससे वह इस विश्वविद्यालय की इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला वीसी बन गई हैं। पंडित जेएनयू की छात्रा भी रह चुकी हैं। उन्होंने यहां से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एमफिल के साथ-साथ पीएचडी की है।

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