जापान ने रासायनिक हमले के 6 और दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया

टोक्यो| जापान में 1995 रासायनिक गैस हमले में बाकी बचे छह दोषियों को गुरुवार को फांसी दे दी गई। ये सभी एएमयू शिनरिक्यो संप्रदाय के पूर्व सदस्य थे।सरकारी सूत्रों ने इन छह दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाए जाने की पुष्टि की। इससे पहले इस संप्रदाय के संस्थापक शोको असहारा और उन छह पूर्व सहयोगियों को छह जुलाई को इसी अपराध में फांसी दी गई थी।

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20 मार्च सन 1995 में मैट्रो में हुए भीषण हमले से प्रभावित लोगों ने दोषियों को फांसी दिए जाने की खबर का स्वागत किया। शोको दृष्टि हीन है। उसने सन 1980 में डूम्सडे पंथ की स्थापना की। उसकी छवि ऐसे करिश्माई नेता की थी जिससे प्रभावित होकर डॉक्टर और वैज्ञानिक सहित शिक्षित लोग उसके पंथ में शामिल होने लगे थे।

हालांकि इस पंथ को लेकर हमेशा से ही जापान में शंका थी। सरीन गैस के हमले के बाद पंथ के मुख्यालय पर कड़ी कार्रवाई हुई और शोको तथा उसके समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, असहारा को 1995 के घातक रासायनिक हमले के दो महीने बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। वह इस हमले का मास्टरमाइंड था। इस हमले में 6,000 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

 

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