
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को जयप्रकाश एसोसिएट्स लि. (जेएएल) को 15 जून तक रजिस्ट्री में 1,000 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया, ताकि जो घर खरीदर रिफंड चाहते हैं, उन्हें रकम लौटाई जा सके।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीन ए. एम. खानविलकर और न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने रियल एस्टेट कंपनी को कहा कि 1,000 करोड़ रुपये जमा कराने पर ही जयप्रकाश एसोसिएट्स की सहयोगी कंपनी जेपी इंफ्राटेक लि. (जेआईएल) के परिसमापन की कार्रवाई रुकी रहेगी।
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खंडपीठ ने कहा कि यह रकम जमा नहीं कराने पर जेआईएल के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
जेआईएल के खिलाफ दिवालिया की प्रक्रिया चल रही है।
इससे पहले अदालत ने जयप्रकाश एसोसिएट्स को उसकी रजिस्ट्री में 2,000 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था।
जेएनएल ने अब तक सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री में 750 करोड़ रुपये जमा कराए हैं।
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इससे पहले, खंडपीठ ने जेएएल की देश भर की आवास परियोजनाओं का विवरण मांगा था और कहा था कि घर खरीदारों को या तो उनका घर देना चाहिए या उनके पैसे वापस लौटा देना चाहिए।
अदालत घर खरीदारों की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिन्होंने फ्लैट बुक किया था और अब किस्तों का भुगतान कर रहे है।




