नीतीश को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन! …तो इसलिए पूर्व विधायक, विधान पार्षद से CM ने की मुलाकात?
देश की राजनीति में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चाणक्य का नाम देना गलत नहीं होगा। नीतीश कुमार 2005 से अब तक बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर कब्जा जमाए हुए हैं। 9 अगस्त 2022 को बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होकर आठवीं बार मुख्यमंत्री की शपथ ली।
इसके बाद अब बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता की मुहिम में लगे हैं। दो बार विपक्षी एकता की बैठक हुई है और तीसरी बार मुंबई में बैठक होनी है। हालांकि नीतीश कुमार का अगला कदम क्या होगा, वे अचानक क्या फैसला ले लेंगे। यह समझ पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। बीते रविवार को मुख्यमंत्री आवास में नतीश कुमार ने अपने पूर्व विधायक और पूर्व पंचायती राज के एमएलसी, शिक्षक एवं स्नातक का चुनाव जीत कर आने वाले पूर्व एमएलसी को बुलाकर उनसे एक-एक कर मुलाकात की। नीतीश कुमार की क्या रणनीति हो सकती है। इसको लेकर मीडिया में भी कई तरह की खबरें चल रही हैं। महाराष्ट्र में जिस तरह से बीजेपी ने जोड़तोड़ की राजनीति की। क्या बिहार में उसी तरह की राजनीति से नीतीश कुमार डरे हुए हैं? ऐसे कई सवाल हैं।