राहुल गांधी 17 अगस्त को दो दिन के दौरे पर लद्दाख गए थे… लेकिन वहां पहुंचते ही उन्होंने अपना दौरा बढ़ाकर नौ दिन का कर लिया…
हालांकि उनके इस एडवेंचर दौरे के दौरान उनकी राजनीतिक गतिविधियां भी रहेंगी… लेकिन ज्यादातर समय कई क्षेत्रों का भ्रमण और कल्चरल प्रोग्रामों में हिस्सा लेने में बीतेगा…वहीं बहुत कम आबादी और एक लोकसभा सीट वाले केंद्र शासित क्षेत्र में… प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नौ दिन रहना… राहुल की विदेश यात्राओं की तरह चर्चा का विषय बन गया है… जब भी कभी उनकी राजनीतिक परिपक्वता की छवि बनने लगती है…वह कोई न कोई ऐसी घटना को अंजाम दे देते हैं… जिस पर दूसरे दल उन्हें संदेह की दृष्टि से देखने लगते हैं…