रडार को मात देने वाली ‘आईएनएस करंज’ ने संभाली कमान, उड़े चीन-पाक के होश

नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर सीमा पर दुश्मन को अपनी धमक का जोरदार एहसास कराया है. भारत के इस कारनामे से चीन-पाकिस्तान को सदमा जरूर लगेगा. समुद्री सीमा की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए ‘आईएनएस करंज’ ने कमान संभाली है. रडार को मात देकर दुश्मन को धूल चटाने की काबिलियत रखने वाली यह पनडुब्बी अपने आप में सभी श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ है.

चीन-पाकिस्तान

मुंबई के मझगांव डॉक पर आईएनएस करंज को नौसेना में शामिल किया गया. महाशक्तिशाली पनडुब्बी ‘करंज’ की एक और विशेषता है कि इसे ‘मेक इन इंडिया’ के प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है. इस मौके पर नौसेना प्रमुख सुनील लांबा भी मौजूद रहे.

चीन-पाकिस्तान को मिलेगी चुनौती

समुद्री सीमा पर चौकसी के लिए ‘करंज’ मील का पत्थर साबित होगी. कलवरी और खांदेरी के बाद अब करंज के शामिल होने के बाद भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी. हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी और अरब सागर के पास पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने के लिए ये सबमरीन काफी अहम भूमिका निभाएगी. चीन और पाकिस्तान के लिए करंज को अपनी रडार में लेना काफी मुश्किल साबित होगा.

आईएनएस करंज की विशेषता

67.5 मीटर लंबी, 12.3 मीटर ऊंची और 1565 टन वजन वाली इस पनडुब्बी में ऑक्सीजन भी बनाया जा सकता है. युद्ध की स्थिति में यह दुश्मन के क्षेत्र से चकमा देकर निकलने में सक्षम है.

इसका निर्माण मझगांव डॉकयार्ड और फ्रांस के सहयोग से किया गया हैं. आधुनिक तकनीक से बनी ‘करंज’ कम आवाज से दुश्मन के जहाज को चकमा देने में माहिर है.

पनडुब्बी में टारपीडो जैसे हथियार भी लगे है जो दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी को मार गिराने में सक्षम हैं. दुश्मन के इलाके की निगरानी करने में सक्षम हैं.

हिन्द महासागर में बढ़ती चुनातियों को देखते हुए नौसेना के पास दर्जन भर ही पनडुब्बी हैं. इनमें से आधे से अधिक अपनी ज़िंदगी पूरी कर चुके है. लेकिन किसी तरह उनको अपग्रेड कर काम चलाया जा रहा हैं. ऐसे में इतनी जल्दी इस पनडुब्बी का लॉन्च होना नौसेना के लिए बहुत मायने रखता है. इन सबके बलबूते ही भारत हिंद महासागर मे चीन को जवाब दे पाएगा.

‘करंज’ टारपीडो और एंटी शिप मिसाइल से हमला करती है साथ ही रडार की पकड़ में नहीं आती. समंदर से जमीन पर और पानी के अंदर से सतह पर हमला करने में सक्षम है.

ऐसी 6 और पनडुब्बी मझगांव डॉकयार्ड में बनेगी जो 2020 तक नौसेना में शामिल हो जायेंगी.

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