दिल्ली में संकट की स्तिथि, घर के अंदर भी वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पहुंचा

दिल्ली में वायु प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। घर के बाहर ही नहीं घर के अंदर भी प्रदूषण ने अपने पैर पसार लिए हैं। शिकागो विश्वविद्यालय में ऊर्जा नीति संस्थान के एक अध्ययन के मुताबिक दिल्ली में घर के अंदर का वायु प्रदूषण स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों से 20 गुना ज्यादा है। 

अध्ययन के मुताबिक पीएम 2.5 (2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास वाले कण) का लेवल निकटतम बाहरी सरकारी मॉनिटरों द्वारा बताए गए स्तरों से काफी ज्यादा था। यह भी पता चला है कि कम आय वाले घरों के मुकाबले उच्च आय वाले घरों में एयर प्यूरीफायर रखने की संभावना 13 गुना ज्यादा थी, लेकिन इनडोर वायु प्रदूषण पर इसका प्रभाव सिर्फ 10 फीसदी के आसपास था।

एयर प्यूरीफायर से स्थिति थोड़ी अच्छी

अध्ययन के मुताबिक आमतौर पर एयर प्यूरीफायर के साथ वाले घरों में इनडोर PM2.5 के स्तर में 8.6 फीसदी की गिरावट देखी गई। अध्ययन में यह बताया गया कि लोगों द्वारा सस्ती रक्षात्मक प्रथाओं और वेंटिलेशन व्यवहार में मामूली बदलाव करने की आशंका थी।

अमीर हो या गरीब कोई भी स्वच्छ हवा में सांस नहीं ले रहा

दिल्ली में चाहे कोई अमीर हो या गरीब, किसी को भी स्वच्छ हवा में सांस लेने को नहीं मिल रहा है। अध्ययन के प्रमुख लेखक केनेथ ली के मुताबिक “यह एक जटिल दुष्चक्र है। जब आप अपने घरों के अंदर प्रदूषण के स्तर के बारे में नहीं जानते हैं, तो आप इसके बारे में चिंता नहीं करते हैं, और इसलिए आपके सुधारात्मक कार्रवाई करने की संभावना कम होती है। जागरुकता बढ़ने से ही स्वच्छ हवा की मांग में तेजी आ सकती है।”

खाना पकाते समय बढ़ जाता है प्रदूषण

2018 और 2020 के बीच किए गए अध्ययन में अलग-अलग सामाजिक आर्थिक तबके के हजारों दिल्ली के घरों का सर्वेक्षण किया और पाया कि घर के अंदर पीएम2.5 का स्तर सुबह और शाम में बढ़ जाता है जब घरों में खाना पकाने की सबसे अधिक संभावना होती है।

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