सिंधु जल संधि लागू करने पर भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि के तहत विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं को कार्यान्वित करने को लेकर 29-30 अगस्त के दौरान हुई भारत-पाकिस्तान परमानेंट इंडस कमीशन (पीआईसी) की बैठक में बातचीत हुई। यह जानकारी शुक्रवार को विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई।

भारत और पाकिस्तान

विदेश मंत्रायल ने एक बयान में कहा, “सिंधु जल संधि 1960 के प्रावधानों के आधार पर विभिन्न जल परियोजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर तकनीकी बातचीत हुई। इन परियोजनाओं में जम्मू-कश्मीर स्थित पंकल डल (1,000 मेगावाट) और लोअर कलनई (48 मेगावाट) की परियोजना शामिल है।”

मंत्रालय ने कहा, “दोनों देशों ने संधि के तहत दोनों तरफ से सिंधु बेसिन में स्थायी इंड्स कमिश्नरों की यात्रा की अनिवार्यता पर सहमति जताई।”

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मंत्रालय के अनुसार, संधि के दायरे में आने वाले मसलों पर परमानेंट इंड्स कमीशन की भूमिका को प्रोत्साहन देने को लेकर बातचीत हुई।

दोनों देशों के बीच 1960 में की गई संधि में व्यास, रावी, सतलज, सिंधु, चिनाब और झेलम नदी शामिल हैं।

विश्व बैंक की मध्यस्थता में संधि के तहत भारत को दो नदियों के जल का इस्तेमाल करने का अधिकार दिया गया है जबकि अन्य तीन नदियों के जल का उपयोग करने का अधिकार पाकिस्तान को दिया गया है।

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भारत ने कहा कि उसे संधि के तहत अपने क्षेत्र में प्रवाहित नदियों की सहायक नदियों पर जलविद्युत संयंत्र लगाने का अधिकार है जबकि पाकिस्तान को आशंका है कि इससे उसके क्षेत्र में पानी का प्रवाह कम हो जाएगा।

लाहौर में हुई वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष की अगुवाई भारतीय सिंधु जल आयुक्त पी. के. सक्सेना ने की।

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