गोरक्षकों पर कार्रवाई नहीं कर रहा भारत : अमेरिका

न्यूयॉर्क। अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह पशुओं का वध करने और बीफ (गाय का मांस) खाने के संदेह में मुसलमानों पर हमला करने वाले गोरक्षकों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है, जबकि धार्मिक भावना से प्रेरित होकर की गई ऐसी सैकड़ों हत्याओं की खबरें सामने आई हैं।

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गोरक्षकों पर कार्रवाई

मंगलवार को जारी हुई विदेश विभाग की अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रपट के अनुसार, “प्रशासन ने गाय काटने या अवैध रूप से गायों को ढोने या तस्करी करने या बीफ खाने के संदेह में ज्यादातर मुसलमानों पर गोरक्षकों द्वारा किए गए हमलों के खिलाफ अक्सर कार्रवाई नहीं की।”

रपट में आगे कहा गया है, “धार्मिक हत्या, हमले, दंगे, धार्मिक अधिकार पर प्रतिबंध, भेदभाव और संपत्तियों पर हमले के सैंकड़ों मामले सामने आए हैं। समूहों ने सबसे ज्यादा निशाना मुस्लिमों और ईसाइयों को बनाया है।”

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रपट के अनुसार, “गोरक्षक समूहों के कई सदस्य गाय काटने और बीफ खाने को हिंदुओं की आस्था पर हमला मानते हैं और उन्होंने बीफ खाने वालों या बीफ उद्योग से जुड़े लोगों के खिलाफ कई हिंसक हमले किए हैं, जिसमें उनकी हत्या की गई है, उन्हें पीटा गया है, और प्रताड़ित किया गया है।”

रपट में आगे लिखा है, “नागरिक समाज और धार्मिक अल्पसंख्यकों के सदस्यों का कहना है कि वर्तमान सरकार में गैर हिंदुओं और धर्मस्थलों के खिलाफ हिंसा पर उतारू राष्ट्रवादी हिंदू संगठनों से धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय पहले से ज्यादा असुरक्षित महसूस करता है।”

रपट में हालांकि इसका भी उल्लेख किया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसी घटनाएं रोकने के लिए राज्य सरकारों को प्रत्येक जिले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया है और मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की की जानकारी सर्वोच्च न्यायालय में पेश किया जाए।

वार्षिक रपट अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न या हिंसा की घटनाओं के खिलाफ तथा अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर आधारित प्रमुख समाचारों को मिलाकर बनाई गई है।

इस रपट को लेकर विदेशी पत्रकारों के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में विदेश विभाग में रपट के प्रभारी अधिकारी, सैमुएल ब्राउनबैक ने भारत की निंदा करते हुए आरोप लगाया, “दुर्भाग्यवश भारत में विभिन्न समुदायों में ढेर सारी धार्मिक हिंसा हुई है।”

उन्होंने कहा, “हमने भारत सरकार से ऐसे मामलों में न्याय करने के लिए और अधिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा है और हम आगे भी भारत सहित दुनियाभर के सभी देशों से ऐसा करने के लिए कहते रहेंगे।”

एक कट्टरपंथी ईसाई पंथ से कैथोलिक बने ब्राउनबैक ने कहा, “मुझे यह रपट भारत से आए ऐसे लोगों से मिली है, जिन्हें भारत में अपनी आस्था और पहचान के कारण हिंसा का शिकार होना पड़ा है, और यह गलत है।”

उन्होंने कहा कि रपट प्रकाशित होने के 90 दिनों के अंदर विशेष परिस्थितियों वाले देशों के खिलाफ संभावित प्रतिबंध लगाए जाएंगे या अन्य कार्रवाई की जाएगी।

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