भारत-चीन संबंधों की रणनीतिक दृष्टिकोण से समीक्षा करेंगे : मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि 27 और 28 अप्रैल को वुहान में होने वाली बैठक के दौरान वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मिलकर रणनीतिक और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में भारत-चीन संबंधों की समीक्षा करेंगे। मोदी ने जारी बयान में कहा, “मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग और द्विपक्षीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों की समीक्षा करेंगे।”
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उन्होंने कहा, “हम राष्ट्रीय विकास विशेष रूप से मौजूदा और भावी अंतर्राष्ट्रीय स्थिति को लेकर अपनी प्राथमिकताओं पर चर्चा करेंगे।”
मोदी ने कहा, “हम रणनीतिक और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में भारत-चीन संबंधों के घटनाक्रमों की भी समीक्षा करेंगे।”
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दोनों देशों के नेताओं की यह बैठक भारत और चीन के बीच संबंधों के जीवंत होने का संकेत है, जो पिछले साल डोकलाम विवाद को लेकर बुरे दौरे से गुजरी।
मोदी के इस दौरे की 1998 के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दौरे से तुलना की जा रही है, जिन्होंने उस समय चीन के नेता डेंग शियाओपिंग से मुलाकात की थी और 1962 के युद्ध के बाद से दोनों देशों के बीच आए रिश्तों की तल्खी को दूर करने की कोशिश की थी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) मंत्रिस्तरीय बैठकों में शिरकत करने के लिए इस सप्ताह बीजिंग का दौरा किया था।
दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दों के अलावा कई ज्वलंत मुद्दे हैं।
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