यूपी के इस गांव में लड़की नहीं बल्कि लड़के करते हैं यह अनोखा काम

यूपी के इस गांवयूपी। हम हमेशा से सुनते और देखते आ रहे हैं कि शादी के बाद बेटियां अपने मायके से ससुराल चली जाती हैं। शादी के वक्त लड़की वाले लड़के वालों को दहेज और कई सारे तोहफे देकर उनका स्वागत करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ऐसी शादी देखी या सुनी हैं जहां लड़की नहीं बल्कि लड़के वाले दहेज देते हो या फिर शादी के बाद बेटी गांव से विदा ही ना होती हो।

सुनने में भले ही थोड़ा अजीब लग रहा होगा पर शादी की यह प्रथा एक दम सत्य है। दरअसल यह कहानी रामपूर के दोंकपुरी टांडा गांव की है, जो सामाजिक और आर्थिक स्थिति से काफी संपन्न है। यहां शादी में कोई भी लड़की विदा नहीं होती है।

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इतना ही नहीं इस गांव में शादी काफी साधारण तौर पर होती है और दहेज नाम की प्रथा को तबज्जो नहीं दिया जाता है। चाहे वह लड़का पक्ष हो या लड़की पक्ष किसी का कुछ खास खर्च नहीं होता।

अजीमनगर इलाके के इस गांव की कहानी काफी रोचक हैं। इस गांव में 9 हजार के करीब मुस्लिम बंजारा बिरादरी के लोग रहते हैं। मुस्लिम बाहुल्य यह पूरा गांव आपस में रिश्तेदार है। नाना, नानी, मामा, खाला, फूफा आदि सभी गांव में रहते हैं। यहां के लोग बेटे-बेटियों की शादी गांव में ही करते हैं। इनके यहां गांव से बाहर शादी का रिवाज ही नहीं है।

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वहीं टांडा के प्रमुख मुहम्मद फारूख का कहना है कि इस गांव में शादी का खर्च लड़के वाले उठाते हैं। यहां एक शादी का खर्च सिर्फ 70 से 80 हजार तक का आता है।फारूख ने आगे बताया कि यह परंपरा काफी पहले से चली आ रही है। यहां लड़कियों की शादी दूसरे गांव या किसी शहर में नहीं की जाती हैं। यहां एक ही दिन कई शादियां की जाती हैं, जिससे खाने-पीने का खर्च बंट जाता है।

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