अगर आप जून से दिसंबर के बीच पैदा हुए हैं तो ये खबर आपको खुश कर देगी

वसा मतलब कि फैट हर इंसान में एक निश्तिच मात्रा में पाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आपके शरीर में वसा की मात्रा कम य ज्यादा होने से इसका सीधे सुड़ाव आपके पैदा होने के समय से होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग पतले होते हैं उनमें भूरा वसा मोटे लोगों के अनुपात में ज्यादा होता है। आइये जानते हैं वसा कम य ज्यादा होने के पीछे महीनों का कौन स सच छुपा है।

मोटापा

शोध से पता चलता है कि जब लोग ठंडे वातावरण में प्यार करते हैं तो उनके बच्चों में जो वसा होता है उसे ब्राउन वसा के नाम से जाना जाता है वो कम होता है।

इस प्रकार की वसा – केवल 200 9 में वयस्कों में पाया गया , यह वसा ज्यादातर रीढ़ की हड्डी और  गर्दन में पाया जाता है।

पतले लोगों में मोटे लोगों की तुलना में अधिक भूरा वसा होता है। सर्व बताता है कि यह भूरा वसा, सफेद वसे को जलाकर वजन कम करने में मदद करता है।

यह भी पढ़ें: गर्भावस्था में चिया सीड्स का सेवन सुरक्षित है या नहीं

खोज – वैज्ञानिक पत्रिका नेचर मेडिसिन में रिपोर्ट  स्कैनर का उपयोग करते हुए 8,400 से अधिक वयस्कों के निकायों में ब्राउन वसा के स्तर का विश्लेषण करके किया गया था।

शोधकर्ताओं ने जुलाई और दिसंबर के बीच पैदा हुए लोगों में य दूसरे शब्दों में कहूं तो  जो लोग वर्ष के गर्म हिस्से में गर्भधारण करते थे, उनमें भूरा वसा जनवरी और जून के बीच पैदा हुए लोगों की तुलना में अधिक होता  है।

ज्यूरिख के ईटीएच विश्वविद्यालय में प्रोफेसर क्रिश्चियन वुल्फ्रम ने शोध का नेतृत्व किया, जिसमें कहा गया था कि पिछले शोध में पाया गया है कि ठंडे क्षेत्रों में लोगों को विशेष रूप से भूरे रंग की वसा का उच्च स्तर मात्रा में होता है।

LIVE TV