
नई दिल्ली। अक्सर अपने कई जगहों और चौराहे का नाम देवी-देवताओं या फिर किसी महापुरुषों के नाम पर देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी उन शहरों के बारे में जाना है जिनका नाम राक्षसों के नाम पर रखा गया हो। आज हम आपको उन जगहों के बारे में बताने जा रहा है जिनका नाम राक्षसों के नाम पर रखा गया है।
कुल्लू घाटी
कुल्लू भारत के हिमाचल प्रदेश में स्थित एक शहर है। कुल्लू का नाम पहले कुलंथपीठ था, इसका अर्थ है रहने योग्य दुनिया का अंत। कुलान्त नाम का एक राक्षस था। एक बार वो अजगर बनकर कुंडली मार ब्यास नदी के रास्ते में बैठ गया। ऐसा कर वो पानी में डुबाकर दुनिया का अंत करना चाहता था। भगवान शिव को पता चला तो वो उस जगह पहुंचे। कहा: देखो तुम्हारी पूंछ में आग लगी है। वो जैसे ही पीछे मुड़ा त्रिशूल से उसका सिर काट लिया। उस राक्षस के मरने के बाद उसका पूरा शरीर पहाड़ में बदल गया जो कुल्लू घाटी कहलाया।
मैसूर
कई इतिहासकारों और किवदंतियों के मुताबिक कर्नाटक का मैसूरु शहर का नाम महिषासुर के नाम पर पड़ा। स्थानीय कथाओं के अनुसार राक्षस महिषासुर के नाम पर इस जगह का नाम मैसूरु हुआ। महिषासुर को चामुंडेश्वरी देवी ने मारा था। मैसूरु नाम का मतलब महिषासुर की धरती भी होता है।
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जालंधर
जालंधर पंजाब का सबसे पुराना शहर है और अपने चमड़ा उद्योग के लिए जाना जाता है। पुराने समय में जालंधर,जलंधर राक्षस की राजधानी हुआ करता था। जलंधर का जन्म भगवान् शिव के अपनी तीसरी आंख खोल उसका तेज समुद्र में डाल देने से हुआ था। तेज समझते हैं न? जलंधर की पत्नी वृंदा के पतिव्रत के कारण उसे कोई नहीं मार सकता था। बाद में भगवान विष्णु ने वृंदा का पतिव्रत भंग किया जिससे जलंधर मारा गया। कुछ जगहों पर कहा गया है जलंधर भगवान राम के बेटे लव की राजधानी थी।
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गया
गया बिहार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। गयासुर को भगवान ब्रह्मा से वरदान मिला था जिसके चलते वह देवताओं पुराणों के अनुसार गया में गयासुर नाम का एक राक्षस था । गयासुर को उसकी तपस्या के कारण वरदान मिला था कि जो भी उसे देखेगा या स्पर्श करेगा उसे यमलोक नहीं जाना पड़ेगा। ऐसा व्यक्ति सीधे विष्णुलोक जाएगा। इससे परेशान होकर यमराज ने जब ब्रह्मा, विष्णु और शिव से कहा कि गयासुर के कारण अब पापी व्यक्ति भी बैकुंठ जाने लगा है । यमराज की स्थिति को समझते हुए ब्रह्मा जी ने गयासुर से कहा कि् तुम परम पवित्र हो इसलिए देवता तुम्हारी पीठ पर यज्ञ करेंगे। गयासुर के पीठ पर सभी देवता और गदा धारण कर विष्णु स्थित हो गए। गयासुर के पीठ पर एक बड़ा सा शिला भी रखा गया था। यह शिला आज प्रेत शिला कहलाता है।
पलवल
पलवल जिला हरियाणा में है पहले ये पंजाब में हुआ करता था। पलवल ही वो जगह है जहां महात्मा गांधी को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था। पलवल का नाम पलंबासुर राक्षस के नाम पर पड़ा। एक समय इसे पलंबरपुर कहा जाता था। समय के साथ नाम बदला और पलवल हो गया। पलंबासुर को भगवान कृष्ण के भाई बलराम ने मारा था। बलराम की याद में आज भी वहां बलदेव छठ का मेला भराता है।
तिरुचिरापल्ली
तिरुचिरापल्ली तमिलनाडु का जिला है। जो चेन्नई से लगभग सवा तीन सौ किलोमीटर दूर है। इसको पहले थिरि-सिकरपुरम के नाम से जानते थे। अब इसे त्रिची भी कह देते हैं। कावेरी नदी के किनारे पर बसे इस शहर में थिरिसिरन नाम के राक्षस ने भगवान शिव की तपस्या की थी, इसी वजह से इसका नाम थिरिसिरपुरम पड़ा कहा जाता है। बाद में थिरि-सिकरपुरम से थिरिसिरपुरम हुआ और फिर तिरुचिरापल्ली।