20 अक्टूबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार आ रहे हैं। वह यहां 45 घंटे 15 मिनट तक रहेंगे। इस दौरान उनके स्वागत से लेकर खान-पान हर चीज का विशेष ख्याल रखा जाएगा। जिस दौरान कोई भी वीवीआईपी आता है तो खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम खाद्य व पेय पदार्थों की जांच करती है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन को लेकर भी खाद्य सुरक्षा की टीम लगाई गई है। यह टीम पूरी जांच पड़ताल के बाद राष्ट्रपति के सामने खाने की प्लेट ले जाने का प्रमाण पत्र देगी।

आपको बता दें कि 20 अक्टूबर से लेकर 22 अक्टूबर तक पटना में राष्ट्रपति को दिए जाने वाले खाद्य और पेय पदार्थों की जांच के लिए 4 अफसरों की तैनाती की गई है। इसमें चिकित्सा पदाधिकारी के साथ खाद्य सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं। इन सभी अफसरों को राष्ट्रपति व फर्स्ट लेडी को दिए जाने वाले खाद्य और पेय पदार्थों की जांच के लिए लगाया गया है।
जांच के लिए लगाई गई ड्यूटी
पटना के अपर उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी गैर संचारी रोग डॉ. रजनीश चौधरी और पटना के खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार को हवाई अड्डे पर तैनात किया गया है। राज्य औषधि राजभवन के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जतिंद्र मोहन सिंह की ड्यूटी राजभवन में लगाई गई है। जबकि खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार की ड्यूटी बिहार विधानसभा के साथ देश रत्न मार्ग और हनुमान मंदिर पटना में भी खाद्य व पेय पदार्थों की जांच के लिए लगाई गई है। वहीं गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल के डॉ. चंद्र मणि मिश्रा को गुरुद्वारा पटना साहिब में राष्ट्रपति के खाद्य व पेय पदार्थों की जांच के लिए लगाया गया है।
12 घंटे पहले सुरक्षित हो जाता है रॉ मटेरियल
वीवीआईपी कार्यक्रम को लेकर जो गाइडलाइन है उसी के अनुसार खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम बनाई गई है। इसमें डॉ. भी शामिल हैं। इस टीम की जिम्मेदारी खाने-पीने की सामानों की जांच की भी होती है। इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी के लिए टीम की ही जवाबदेही होती है। वीवीआईपी के लिए भोजन बनाने में इस्तेमाल होने वाला रॉ मटेरियल 12 घंटे पहले सुरक्षित कर लिया जाता है। इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इसे वीवीआईपी के लिए बनाए जाने वाले खाने में इस्तेमाल किया जाता है।
वहीं खाना पकने के बाद उसकी जांच टीम को करनी होती है। यह जांच वीवीआईपी के सामने प्लेट जाने से 45 मिनट पूर्व ही की जाती है। जब टीम इस खाने को खाकर आश्वस्त हो जाती है तो प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसके बाद ही भोजन या खाद्य पदार्थ सिक्योरिटी में वीवीआईपी के सामने जाता है।