बाल यौन शोषण मामले में SC ने अपनाया कड़ा रुख, HC को दिया ये अहम निर्देश

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को पूरे देश के उच्च न्यायालयों से बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के अंतर्गत चलने वाले मामलों की निगरानी और नियमन के लिए न्यायाधीशों की समितियां गठित करने के निर्देश दिए।

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बाल यौन अपराध संरक्षण

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने राज्य के पुलिस महानिदेशकों या आयुक्तों को भी विशेष कार्य बल (एसटीएफ) गठित करने के निर्देश दिए, ताकि ऐसे मामलों की जांच तेजी से किया जा सके और गवाहों की पेशी के दिन ही अदालत में सबूत पेश किए जा सकें।

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अदालत को बताया गया कि पूरे देश की निचली अदालतों में पोक्सो अधिनियम से जुड़े 112,628 मामले लंबित हैं, जिनमें से उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 30,883 मामले लंबित हैं। इसके बाद अदालत ने ये निर्देश जारी किए।

महाराष्ट्र समेत गोवा, केंद्रशासित प्रदेशों दीव एवं दमन, दादर एवं नगर हवेली में इस संबंध में लगभग 16,099 मामले लंबित हैं। इसके बाद मध्यप्रदेश में 10,117, पश्चिम बंगाल में 9,894, ओडिशा में 6,849, दिल्ली में 6,100, केरल व केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप में 5,409, गुजरात में 5,177, बिहार में 4,910 और कर्नाटक में 4,045 मामले लंबित हैं।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने अदालत को सूचित किया कि सरकार ने पोस्को कानून में संशोधन कर 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को मृत्युदंड देने का प्रावधान किया है।

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