
उत्तर प्रदेश में मॉनसून की सक्रियता के चलते भारी बारिश का दौर जारी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 14 अगस्त को प्रदेश के 24 जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। लखनऊ में बुधवार देर रात मूसलाधार बारिश के कारण जलभराव की स्थिति बन गई, जिसके चलते जिला प्रशासन ने कक्षा 1 से 12 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है।

मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून द्रोणी के दक्षिण की ओर खिसकने और बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब क्षेत्र के प्रभाव से अगले 48 घंटों में उत्तर प्रदेश में मॉनसूनी गतिविधियां तेज रहेंगी। पश्चिमी यूपी में 14 और 15 अगस्त को भारी बारिश की संभावना है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, 19 अन्य जिलों में यलो अलर्ट लागू है, जहां भारी बारिश के साथ गरज-चमक और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है।
ऑरेंज अलर्ट वाले जिले
- सहारनपुर
- शामली
- मुजफ्फरनगर
- बिजनौर
यलो अलर्ट वाले जिले
- लखीमपुर खीरी
- हरदोई
- फर्रुखाबाद
- कन्नौज
- कासगंज
- मैनपुरी
- इटावा
- औरैया
- अमरोहा
- मुरादाबाद
- रामपुर
- बरेली
- पीलीभीत
- शाहजहांपुर
- संभल
- बदायूं
- जालौन
- झांसी
- ललितपुर
गरज-चमक और बिजली गिरने की चेतावनी
उपरोक्त 19 जिलों के अलावा, बहराइच, सीतापुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, और एटा सहित कुल 36 जिलों में गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है।
लखनऊ में स्थिति
लखनऊ में बुधवार देर रात करीब दो घंटे तक तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश हुई, जिससे शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया। ताज होटल के पास गांधी सेतु अंडरपास और गोमती नगर में भागीदारी भवन के आसपास सड़कें पानी में डूब गईं, जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। लखनऊ की डीएम विशाख जी अय्यर ने खराब मौसम और जलभराव को देखते हुए 14 अगस्त को कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों (सरकारी, गैर-सरकारी, और सभी बोर्ड) में छुट्टी का ऐलान किया। यह आदेश शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों पर लागू है।
बाढ़ की स्थिति
प्रदेश के 20 से अधिक जिले पहले से ही बाढ़ की चपेट में हैं। गंगा और यमुना जैसी नदियां कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 1,100 से अधिक राहत चौकियां स्थापित की हैं, और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और पीएसी टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। अनुमानित 1.86 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
अन्य जिलों में बारिश
बुधवार को सिद्धार्थनगर में सबसे अधिक 77 मिमी बारिश दर्ज की गई। तराई क्षेत्र के महाराजगंज, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बरेली, पीलीभीत, और शाहजहांपुर में मध्यम से भारी बारिश हुई। आगरा में पिछले 24 घंटों में 14.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो प्रदेश में सबसे अधिक थी।
मौसम विभाग ने 15 अगस्त से बारिश की तीव्रता में कमी की संभावना जताई है, लेकिन अगले 48 घंटों तक सावधानी बरतने की सलाह दी है।