विधानसभा में बना कानून, रेप पर मिलेगी सजा-ए-मौत

हरियाणा: कानून की विवशताओं के बारे में तो आपने बहुत सुना या पढ़ा होगा लेकिन कानून की वास्तविक परख कानून के लंबे हाथों में होती है जिसकी पहुंच से कोई भी अछूता नही है. पुरानी फिल्मों का यह प्रसिद्ध डायलॉग चरितार्थ किया है हरियाणा सरकार ने. राज्य सरकार के प्रशासन और अनाचारियों द्वारा बढती घटनाओं से पूरे देश में खट्टर सरकार की किरकिरी होती रही है लेकिन अब सरकार ने सख्ती दिखाते हुए अपना कड़ा रुख जाहिर कर दिया है.हरियाणा

हरियाणा में अब 12 वर्ष से कम की लड़की के साथ रेप मामले में मृत्युदंड की सजा मिलेगी. हरियाणा विधानसभा में गुरुवार को दंड विधि (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2018 पेश किया गया.

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भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और लैंगिेग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 में संशोधित करने के लिए दंड विधि (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2018 पारित किया गया है.

संशोधन विधायक में बलात्कार जैसे आपराधिक मामलों में आजीवन कारावास और मृत्यु दंड तक का प्रावधान किया गया है. हालांकि महिला के शील भंग के उद्देश्य से उसका पीछा करने, उस पर हमला करने तथा 12 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार जैसे अपराध को रोकने के लिए कठोर सजा दिया जाना आवश्यक है.

हरियाणा में शील भंग के उद्देश्य से किए गए हमले के लिए कम से कम 2 वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष तक की सजा प्रस्तावित है. इसी प्रकार दूसरी बार अपराध किए जाने की स्थिति में, पीछा करने के लिए भी सजा का प्रस्ताव किया गया है जो कम से कम 3 वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष की होगी.

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लिहाजा, विधेयक में 12 वर्ष तक की बालिकाओं से बलात्कार, सामूहिक बलात्कार के केस में संशोधन प्रस्तावित है, जिसके लिए मृत्युदंड या कम से कम 14 साल का कठोर कारावास, जिसे आजीवन अर्थात व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवन तक के कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, का प्रस्ताव किया गया है.

संशोधन विधायक में बलात्कार जैसे आपराधिक मामलों में आजीवन कारावास और मृत्यु दंड तक का प्रावधान किया गया है. हालांकि महिला के शील भंग के उद्देश्य से उसका पीछा करने, उस पर हमला करने तथा 12 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार जैसे अपराध को रोकने के लिए कठोर सजा दिया जाना आवश्यक है.

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