भगवान से दिल के तार कभी नहीं टूटेंगे अगर प्रार्थना करेंगे इस नियमों के अनुसार

कई बार लोग कहते हैं कि वह भगवान की सच्चे दिल से आराधना करते हैं लेकिन फिर भी भगवान उनकी सुनता नहीं है। ऐसा होने के पीछे कई कारण होते हैं जिसके बारे में लोगों को पता ही नहीं होता है। अगर वग गलती करते हैं तो आपको लाभ के स्थान पर हानि ही होती है। इसलिए आज आप देवी और देवता से जुड़े कुछ नियमों को अच्छे से जान और समझ लें।

प्रार्थना

क्या करें –

  • भगवान को हमेशा दोनों हाथ से ही पुकारना चाहिए मतलब है कि हमेशा दोनों हाथों से ही प्रणाम करना उचित होता है।
  • कई लोग जल्दी तैयार होने के चक्कर में नहाते-नहाते ही मंत्रों का उच्चारण करने लगते हैं। यह पूरी तरह से गलत होता है। ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए।
  • पूजा करते समय जीभ या होठ नहीं हिलना चाहिए। इसे उपांशु जप के नाम से जाना जाता है।
  • पूजा में घी का दीपक अपने बांयी ओर तथा देवता को दाहिने ओर रखें एवं चावल पर दीपक रखकर प्रज्वलित करें।
  • सभी धार्मिक कार्यों में पत्नी को दाहिने भाग में बैठाकर धार्मिक क्रियाएं पूरी करनी चाहिए। ललाट पर तिलक लगाकर ही पूजा करें।
  • पूर्व या उत्तर दिशा में मुख रखकर पूजा करनी चाहिए।
  • किसी को भी कोई वस्तु या दान-दक्षिणा दाहिने हाथ से देना चाहिए।
  • पूजा करते समय जीभ या होठ नहीं हिलना चाहिए। इसे उपांशु जप के नाम से जाना जाता है।
  • देवी की पूजा करने के लिए लाल और विष्णु देव और आदि देव की पूजा करने के लिए पीले रंग के आसन का प्रयोग करना चाहिए।
  • शिव जी की पूजा में आसन कुश का होना चाहिए।

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प्रार्थना

क्या नहीं करें –

तुलसी की पत्ती को कभी भी नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष लगता है। सूर्यास्त के बाद तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए।

एक दीपक से दूसरा दीपक नहीं जलाना चाहिए।

घर में कुछ भी मीठा लाए उसे भगवान को भोग अवश्य लगाना चाहिए।

 

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