जनरल बिपिन रावत कैसे बने देश के पहले सीडीएस, जानें अहम जानकारियां

भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत थे। 31 दिसंबर, 2019 को उन्होंने CDS के रूप में अपना नया कार्यालय संभाला। हमेशा से ही बिपिन रावत ने अपने स्कूल के दिनों में दी गई मानवीय सीखों को महत्व दिया हैं। अपनी सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले ही जनरल बिपिन रावत ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद ग्रहण किया। उनका कर्तव्य भारतीय सशस्त्र बलों की देख-रेख करना और सरकार के लिए एक सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करना रहा। उन्होंने 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में भारतीय सेना के लिए काम किया, जो बल में एक सर्वोच्च रैंकिंग पद है।

बिपिन रावत ने गोरखा राइफल्स से की शुरुआत 
16 दिसंबर 1978 में बिपिन रावत ने गोरखा राइफल्स की फिफ्थ बटालियन से शुरुआत की थी। रावत के पिता भी इसी यूनिट का हिस्सा थे। 1 सितंबर 2016 को रावत को भारतीय थलसेना का वाइस चीफ नियुक्त गया था। 2016 में रावत की काबिलियत को देखते हुए उन्हें इंडियन आर्मी का प्रमुख बना दिया गया था। रावत गोरखा ब्रिगेड से सेना प्रमुख बनने वाले पांचवे अफसर थे। 

रावत क्यों थे सबसे खास ?
रावत को 1978 में सेना की 11वीं गोरखा राइफल्स की पांचवी बटालियन में कमीशन दिया गया था। उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी में सोर्ड ऑफ ऑनर से नवाजा गया था। 1986 में रावत ने चीन से सटे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफैंट्री बटालियन प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी निभाई थी। रावत ने राष्ट्रीय राइफल्स के एक सेक्टर और कश्मीर घाटी में 19 इन्फेन्ट्री डिवीजन की अगुआई भी की थी। उन्होंने कॉन्गो में संयुक्तराष्ट्र के शांति मिशन का नेतृत्व भी किया। इसके बाद 1 सितंबर 2016 को उन्होंने उप सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी।

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