रूठे हुए भगवान को मनाने के पांच तरीके

आजकल हर कोई अपनी-अपनी परेशानियों से दुखी है। बस इन्हीं परेशानियों का हल निकालने के लिए प्रभु को याद करता है। भगवान के लिए की गई सभी प्रकार की पूजा का अलग-अगल महत्व है। सभी की पूजा अलग तरह से की जाती है। भगवान को प्रसन्न करने के लिए भक्तों के अलग-अलग तरीके होते हैं। आज हम आपको बताते हैं वो पांच विधियां जिसे अपनाने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है।

भगवान

पहली विधि

आपके जो भी इष्टदेव हो उनकी दिल लगाकर पूजा करें। पूजा करने से पहले अपने इष्ट देव की मूर्ति भी स्थापित करें। रोज अपने इष्टदेव की पूजा मंत्रों जाप के साथ की जाए तो पैसों से जुड़ी कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ नम: शिवाय, ऊँ रामदूताय नम:, ऊँ रुद्राय नम: आदि मंत्रों का रोज जाप करना चाहिए। आप चाहें तो देवी-देवताओं में नामों का जाप भी कर सकते हैं। जैसे जय श्रीराम, सीताराम, जय श्रीकृष्णा, राधाकृष्णा आदि।

दूसरी विधि

पहले के समय में भगवान को प्रसन्न करने के लिए लोग यज्ञ किया करते थें। आज भी यज्ञ करने की उतनी ही महानता है। कहा जाता है कि यज्ञ करने से देवी-देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं।

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तीसरी विधि

पुराने लोग सभी दान पुण्य करने की सलाह दिया करते थें। ऐसा मानना है कि दान करने से सभी दुखों का नाश होता है। अगर कुंडली में कोई ग्रह दोष है तो उसके निमित्त दान करने पर शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। यहा तक कि आप किसी देवता के नाम पर भी दान कर सकते हैं।

चौथी विधि

तप या तपस्या पुराने समय में भगवान को मनाने की सर्वाधित प्रचलित विधि रही है। तप से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं। इस विधि से कई असुरों ने भगवान को प्रसन्न किया था और मनचाहा वरदान प्राप्त किया था।

अंतिम पांचवी विधि

पूजा करने से पहले अपने स्थान को साफ कर लें। कभी भी पूजा का स्थान गंदा नहीं होना चाहिए। देवी-देवताओं की प्रतिमा या चित्र पर सोलह उपचारों से पूजा करना। इस विधि का उपयोग आज के समय में काफी अधिक किया जाता है। सच्चे दिल से की गई पूजा हमेशा बड़ा फल देती है।

कोई भी व्यक्ति इन पांच में से किए एक विधि से भी नियमित आराधना करता है तो उसकी परेशानियां खत्म हो सकती हैं।

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