तालिबान के चुंगल से भागी महिला मेयर स्विट्जरलैंड में लेगी पनाह, इसलिए छोड़ा था वतन

जब से तालिबान ने अफगानिस्तान में कब्ज़ा जमाया है तभी से वहां की औरतों के लिए उनका देश नर्क बन गया है। तकिबानियों ने सबसे बड़ा हमला अपने देश की औरतों की आज़ादी पर बोला है। हर क्षेत्र में महिलाओं को बुरे दौर से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में खबर आई है कि तालिबान कब्ज़े से पहले अफगानिस्तान में बनी पहली महिला मेयर जरीफा गफारी, जो पिछले महीने काबुल से भागी थी, अब वो विशेष परमिट के ज़रिए स्विट्जरलैंड में जाकर पनाह लेगी।

29 वर्षीय जरीफा ने तालिबान सरकार पर कहा कि ये उनकी सरकार नहीं है। उनका कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान में 20 सालों से चल रही हिंसा का सबसे बड़ा निशाना औरते ही रही हैं। उनका मानना है कि आज औरते चुप नहीं बैठेंगी। तालिबान औरतों के सहयोग के बिना अफगानिस्तान में शासन नहीं कर पाएगा। वहीं तालिबान औरतों पर लगातार हमला बोले हुए है। इस्लामी अमीरात की नई सरकार के मंत्रियों की एक जारी सूची में एक भी पद महिला को नहीं दिया गया है। पद देना तो दूर की बात है, महिला मंत्रालय का नाम तक बदल दिया है। हाल ही में पाकिस्तान के रास्ते जर्मनी पहुंची जरीफा गफारी ने अफगान महिलाओं के लिए चिंता जताई थी।

LIVE TV