वित्तीय साक्षरता से लगेगी भ्रष्टाचार पर रोक : राम नाईक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार को जयपुरिया प्रबंधन संस्थान के प्रेक्षागृह में लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन एवं अवोक इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन में ‘वित्तीय साक्षरता द्वारा वित्तीय समावेश’ विषयक संगोष्ठी का उद्घाटन किया।

राम नाईक

राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वित्तीय साक्षरता से जहां एक ओर बैंकिग प्रणाली पर विश्वास बढ़ेगा तो वहीं भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि विकास के लिए एक रुपये का केवल 15 पैसा ही लाभार्थियों तक पहुंचता है।

भाजपा नेता रहे राम नाईक ने कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन धन योजना लागू करके देश की जनता को बैंकों में खाता खोलने के लिए प्रेरित किया। सुरक्षा एवं विकास की ²ष्टि से लोगों का पैसा घरों में नहीं बैंकां में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्तीय साक्षरता का होना आवश्यक है।

नाईक ने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी के उपयोग से वित्तीय साक्षरता को बढ़ाया जा सकता है। देश में वित्तीय साक्षरता के प्रति जागरूकता से विकास कार्य को नए आयाम मिलेंगे। देश के युवा स्वयं में कुछ नया सीखने की जिज्ञासा जगाएं। नया ज्ञान प्राप्त करते रहें, क्योंकि सीखने वाला ही आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि युवा विचार करें कि विश्व स्तर पर भारत की क्या स्थिति है और उसे कैसे आगे बढ़ाने में योगदान किया जा सकता है।

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राज्यपाल ने इस अवसर पर ‘एलएमए क्रिएटिविटी एंड इनोवेशन पुरस्कार-2018’ से प्रोफेसर राकेश कपूर निदेशक संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (लखनऊ) को, ‘एलएमए लीडरशिप पुरस्कार-2018’ से किरण चोपड़ा प्रबंध निदेशक रीटेक रबर प्रोडक्ट्स लिमिटेड को, ‘एलएमए आउटस्टैंडिग विमेन अचिवर्स अवार्ड’ से पल्लवी फौजदार को एवं ‘एलएमए युवा अचिवर्स पुरस्कार’ से उषा विश्वकर्मा को सम्मानित किया।

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साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए अन्य लोगों को भी सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने ‘कन्वेंशन जर्नल’ एवं ‘अवोक इंडिया टाइम्स’ का लोकार्पण भी किया।

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