बॉलीवुड ने इस हीरो ने बताया डैडी भी होते हैं कूल, दोस्तों की तरह की मस्ती
मुंबई। जून महीने का तीसरा रविवार अपने आप में खास होता है। आखिर ये एक दिन पापा के नाम जो होता है। जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। बॉलीवुड और फादर्स डे को साथ जोड़ा जाए तो ऐसे कई मौके रहे हैं जब फिल्मों और किरदारों ने इस रिश्ते के खास होना का एहसास दिलाया है।
आमतौर पर पापा का नाम लेते ही दिमाग में एक स्ट्रिक्ट पर्सन की छवि बनती है। लेकिन पापा भी कूल होते हैं, इसका एहसास वक्त-वक्त पर बॉलीवुड ने ही कराया है। बॉलीवुड ने कई बार अपने व्यूअर्स को ये एहसास दिलाया कि मां ही नहीं पापा का दिल भी कोमल होता है। पापा स्ट्रिक्ट दिखते हैं पर दिल से तो वो ‘कूल डैडी’ हैं।
बॉलीवुड में वैसे तो कई पापाओं ने दिल जीता है लेकिन कूल डैडी की बात जब भी होती है तो अनुपम खेर का नाम सबसे पहले याद आता है। अनुपम ने पूरा एक दशक कूल डैडी जैसे किरदारों के किया है। आज हम आपको अनुपम खेर के डैडी कूल वाले किरदारों से रूबरू कराएंगे।
बॉलीवुड में जब अनुपम बने कूल डैडी-
दिल है कि मानता नहीं (1991)-
फिल्म दिल है कि मानता नहीं में पूजा भट्ट के पिता के किरदार में अनुपम ने हमेशा उन्हें सपोर्ट किया। फिर चाहे बेटी के फैसले ऊट-पटांग ही क्यों न रहे हों।
हम आपके हैं कौन (1994)-
फिल्म हम आपके हैं कौन में अनुपम एक खुशमिजाज इंसान के किरदार में नजर आए जो अपनी बेटियों रेणुका सहाड़े और माधुरी दिक्षित के साथ मिलकर शरारतें करते हैं, किचन में रेसिपी ट्राई करते हैं।
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995)–
इस फिल्म में अनुपम अपने फेल हो चुके बेटे (राज) शाहरुख खान से कहते हैं कि फेल होना तो हमारे खानदान की परंपरा है। इतना ही नहीं वो एक ऐसे पिता हैं जो अपने बेटे को उसके प्यार से मिलने के लिए सपोर्ट करते हैं।
चाहत (1996)-
इस फिल्म में भी अनुपम काफी कूल डैडी बने हैं जो अपने बेटे शाहरुख को उसके प्यार पूजा भट्ट से मिलवाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।
कुछ कुछ होता है (1998) –
सिंगल डैडी के किरदार को भी अनुपम ने बखूबी निभाया। बेटी रानी मुखर्जी के इमोशन और फीलिंग्स को हमेशा पिता नहीं एक दोस्त की तरह समझा।
क्या कहना(2000)-
इस फिल्म में नटखट बेटी प्रति जिंटा के साथ पापा अनुपम ने मिलकर खुब शरारतें और मस्ती की।
रहना है तेरे दिल में(2001)–
इस फिल्म में भी अनुपम एक सिंगल डैडी के किरदार में दिखे लेकिन वह पापा कम और दोस्त ज्यादा दिखे। बेटे आर माधवन की डूब्ती प्यार की नैया को पापा पार लगाने के लिए सैफ अली खान के पास पहुंच जाते हैं।