राजस्व विभाग का गोरखधंधा हुआ बेनकाब, राजनीतिक शह में चल रहा था खेल

रिपोर्ट- कार्तिकेय द्विवेदी

अम्बेडकरनगर। जिले के टांडा तहसील के राजस्व विभाग द्वारा किये गए गोरखधंधे का बड़ा कारनामा सामने आया है।

गोरखधंधा

दरअसल इस तहसील के राजस्व ग्राम मुबारकपुर में हाईकोर्ट के आदेश पर तहसील से जारी मंझवार जाति का प्रमाण पत्र जारी किया था। जो अनुसूचित जाति के अंतर्गत माने गए थे, लेकिन अब इस जाति के तीन दर्जन से अधिक लोगों का नाम केवट मल्लाह बताते हुए तहसील से पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है।  जिसके बाद मंझवार समुदाय के लोगों में हड़कम्प मच गया है।

मंझवार समुदाय के अधिकांश लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं। टांडा तहसील से होकर गुजरने वाली घाघरा नदी के किनारे बसने वाली इस जाति के लोगों का मुख्य पेशा नदी में मछली पकड़ना, नदी के रेत में खेती करना और मजदूरी करना है।

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खुद को मंझवार समुदाय का बताने वाले इन लोगों का आरोप है कि राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए प्रशासन में बैठे लोग उनका जाति प्रमाण पत्र जारी करने में बाधा पैदा कर रहे हैं और इसी आधार पर उनके साथ इस तरह की साजिश रची गई है।

प्रशासन की इस कार्रवाई से पीड़ित लोगों ने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी, मंडलायुक्त और मुख्यमंत्री तक से की है। यहां तक कि इन लोगों के वार्ड के नगर पालिका सदस्य आशीष यादव भी इन लोगों को काफी पहले से जानते हुए मंझवार जाति का होना बताया है, लेकिन इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन इनकी शिकायतों को गुमराह करने वाली रिपोर्ट लगाकर शिकायत का निस्तारण नहीं कर रहा है।

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