जब बच्चा बिगड़ रहा हो तो उसे इन तीन तरीकों से समझाएं

बच्चों को कुछ भी सिखाने य समझाने के लिए प्यार की जरूरत होती है। क्या आप ऐसे परेंट्स हैं जो अपने बच्चों को हर बात बताने के लिए या पूछने के लिए सख्त रवैया अपनाना पड़ता है? अगर आप अपने बच्चों के साथ हमेशा सख्ती करते हैं तो आप बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं। जिसका नतीजा अभिभावक को बच्चों के उल्टे सीधे जवाब और गलत एटीट्यूट के रूप में भी भुगतना पड़ सकता है। इसलिए आज हम उन परेंट्स के लिए कुछ खास लेकर आए हैं जो यह समझते हैं कि बच्चों के साथ सख्ती करनी चाहिए।

बच्चा

खुद को बदलें

कहा जाता है बच्चा जो कुछ भी अपने घर में देखता और सुनता है वो वहीं सीखता भी है। पेरेंट्स को अपने बच्चों से किसी चीज की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। बच्चों को हमेशा अच्छे संस्कार देने चाहिए। अपने बच्चों से किसी भी तरह की उम्मीद करने से पहले उनको खुद वैसा ही बन कर दिखाएं। आप अपने बच्चें से जो भी चाहते हैं, पहले उसे स्वयं करके दिखाएं। इसके लिए किताबों के साथ कुछ समय गुजारना, देर रात तक टीवी न देखना, चीजों को सही जगह पर रखना, बच्चों के समाने कभी भी झगड़ा न करना आदि जैसी कुछ अच्छी आदतों को खुद में विकसित करनी होगी।

दोस्ती का हाथ बढ़ाएं

बच्चों के सिर पर बैठने या फिर उन पर चौबीस घंटे नजर रखने के बजाय यदि आप बच्चों के साथ दोस्ती का रिश्ता रखेंगे तो ज्यादा फायदे में रहेंगे। बच्चों के साथ हमेशा दोस्ती का रिश्ता रखें जिससे वह आपको सब और सही बात बताएं। आजकल माता-पिता दोनों ही वकिंग है तो उनको अपने बच्चों के साथ कम समय बिताने को मिलता है। बच्चों के साथ कम समय बिताना भी गलत है। जितना आप अपने बच्चों के साथ घुलेगे मिलेगें उतना ही आपके बच्चों के लिए अच्छा रहेगा।

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डांटने की जगह प्यार से समझाएं

अगर आपका बच्चा कोई गलती करें तो उसे प्यार से समझाएं। हमेशा उसकों डांटना उचित नहीं होगा बच्चों के नखरे दिखाने या किसी चीज के लिए जिद करने पर आमतौर पर आप उन्हें  डांटते-फटकारने लगते हैं, लेकिन इसका असर बच्चों पर उल्टा पड़ता है। बच्चो जाहें जितना भी रोए य चिल्लाएं आप हमेशा उसे बड़े ही प्यार से चीजों को समझाएं बच्चा आपकी बात जरूर सुनेगा।

 

 

 

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