बकरीद के मौके पर देवरिया जिले के गौरीबाजार थाना क्षेत्र के उधोपुर गांव में एक हृदय विदारक और चौंकाने वाली घटना सामने आई। 60 वर्षीय ईश मोहम्मद पुत्र स्व. मोहम्मद बरसाती अंसारी ने बकरीद की नमाज अदा करने के बाद अपनी झोपड़ी में चाकू से गला रेतकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी और यह चर्चा का विषय बन गई।

ईश मोहम्मद, जो धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे, हर साल बकरीद से पहले अंबेडकर नगर के किछौछा स्थित सुल्तान सैयद मखदूम अशरफ शाह मजार पर जाते थे। इस बार भी वे शुक्रवार (6 जून 2025) को वहां से लौटे थे। शनिवार सुबह बकरीद की नमाज अदा करने के बाद, करीब 10 बजे, वे अपने घर के पास बनी झोपड़ी में चले गए। परिजनों को लगा कि वे आराम या इबादत कर रहे हैं। करीब एक घंटे बाद, उनकी पत्नी हाजरा खातून ने झोपड़ी से कराहने की आवाज सुनी। वहां पहुंचने पर उन्होंने देखा कि ईश मोहम्मद खून से लथपथ हैं और उनके पास एक चाकू पड़ा है। यह देखकर हाजरा चीखकर बेहोश हो गईं। गांव वालों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी।
अस्पताल में मौत
ईश मोहम्मद को तत्काल महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया ले जाया गया, जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर रेफर किया गया। इलाज के दौरान शनिवार देर शाम उनकी मृत्यु हो गई।
सुसाइड नोट का खुलासा
पुलिस को घटनास्थल से एक पत्र मिला, जिसमें ईश मोहम्मद ने लिखा:
“प्रधान महोदय, प्रशासन महोदय, तीनों दरबार की जय। इंसान बकरे को अपने बेटे की तरह पाल-पोसकर कुर्बानी करता है। वह भी जीव है। कुर्बानी करनी चाहिए। मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम से कर रहा हूँ। किसी ने मेरा कत्ल नहीं किया है। मुझे सुकून से मिट्टी देना। किसी से डरना नहीं। जहां खूंटा (बांस का खंभा) गड़ा है, उसी जगह मेरी कब्र होनी चाहिए।”
पत्र में उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनका जन्म 10 जनवरी 1966 को हुआ था।
ईश मोहम्मद के परिवार में उनकी पत्नी हाजरा खातून, तीन बेटे—अहमद अंसारी, फैज मोहम्मद अंसारी, और ताज मोहम्मद—तथा दो बेटियां—नजमुन और ताजरुन हैं। उनका छोटा बेटा मुंबई में काम करता है। वे घर में आटा-चक्की चलाते थे और केवल पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। परिवार के अनुसार, वे गहरे धार्मिक व्यक्ति थे और अक्सर मखदूम बाबा की मजार पर इबादत के लिए जाते थे।
पुलिस की प्रतिक्रिया
थानाध्यक्ष नंदा प्रसाद ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। सुसाइड नोट और फील्ड यूनिट द्वारा एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर जांच की जा रही है। अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) अरविंद कुमार वर्मा ने पुष्टि की कि ‘यूपी 112’ पर सूचना मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, और मामले की गहन जांच जारी है।
मौलवी हासीम रजा (बिशुनपुरा बैतालपुर) ने कहा कि इस्लाम या किसी भी मजहब की किताबों में यह नहीं लिखा कि आस्था के लिए इंसान को अपनी या किसी अन्य की कुर्बानी देनी चाहिए। उन्होंने इस घटना को मजहब के खिलाफ बताया। वहीं, कुछ ग्रामीणों ने ईश मोहम्मद की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए, लेकिन परिवार ने इसे खारिज करते हुए उनकी धार्मिकता पर जोर दिया। पत्नी हाजरा ने संकेत दिया कि यह घटना तंत्र-मंत्र से भी जुड़ी हो सकती है, क्योंकि ईश झोपड़ी में धूपबत्ती जलाकर पूजा कर रहे थे।