शिवराज सरकार के इस फैसले का विपक्ष भी करेगा समर्थन!

भोपाल। मध्य प्रदेश में जंगली जानवरों और इंसान के बीच किसी तरह का संघर्ष न हो इसके प्रयास किए जाएंगे। दोनों के बीच संतुलन बना रहे, उनके हित संरक्षित रहें इसके लिए व्यावहारिक नीति पर अमल किए जाने की रणनीति बनी है।

शिवराज

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बुधवार को यहां हुई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश में हाथियों के आगमन के संभावित स्थलों को चिन्हित किया जाए, ताकि राज्य में उनका उचित और सुरक्षित रहवास हो सके। मानव और वन्य प्राणियों के हितों के संरक्षण की संतुलित और व्यवहारिक नीति पर कार्य किया जाए, ताकि उनके मध्य किसी प्रकार का संघर्ष नहीं हो।

उन्होंने कहा कि कुनो पालपुर क्षेत्र वन्य प्राणी आबादी से समृद्घ हुआ है। रातापानी और रानी दुर्गावती अभयारण्य में भी वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ी है।

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बैठक में बताया गया कि प्रदेश की ओर से उड़ीसा को एक जोड़ा बाघ दिया गया है। नर एवं मादा बाघ को बांधव टाइगर रिजर्व से ले जाकर सतकोसिया टाइगर रिजर्व में सफलतापूर्वक छोड़ा गया है। इसी तरह नौरादेही अभयारण्य में भी एक जोड़ा बाघ की पुनस्र्थापना की गई है।

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बाघों के चार चक्रों में प्राप्त आंकड़ों की 2014 के आंकड़ों से तुलना की गई। इसमें बाघ उपस्थिति क्षेत्र में लगभग दोगुनी वृद्घि परिलक्षित हुई है। वर्ष 2014 में 717 बीटों में बाघों की उपस्थिति के चिन्ह मिले थे। वर्तमान में 1400 से अधिक बीटों में उपस्थिति के चिन्ह मिले हैं।

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